यूपी के युवकों ने बीजेपी के आज जारी घोषणापत्र को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि 2017 में युवकों से जो वादा बीजेपी ने किया था, उसे उसने पूरा नहीं किया और अब नया झांसा दिया जा रहा है। बीजेपी को घोषणापत्र जारी करने का ही अधिकार नहीं है।
यूपी में
'युवा हल्ला बोल' आंदोलन की अगुआई कर रहे अनुपम ने आज मेरठ कैंट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी घोषणापत्र को जुमलापत्र बताया है। अनुपम ने कहा कि पिछले पाँच साल में रोज़गार करने लायक लोगों की संख्या तो प्रदेश में बढ़ी है, लेकिन रोज़गार कर रहे लोगों की संख्या कम हो गयी।
इतना ही नहीं, रोज़गार ढूंढ रहे युवाओं की संख्या भी घट गयी है। मतलब कि उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी तो बढ़ी ही है, युवाओं में रोज़गार पाने को लेकर नाउम्मीदी भी बेतहाशा बढ़ी है। इसी हताशा का नतीजा है कि आए दिन बेरोज़गार युवाओं के आत्महत्या की खबरें आती रहती हैं।अनुपम ने कई बिंदुओं पर सरकार को घेरते हुए उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की भाजपा सरकार ने युवाओं को डबल धोखा दिया है। कहा, योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल से पहले दिसंबर 2016 में जहाँ 5 करोड़ 75 लाख 19 हज़ार लोग रोजगार कर रहे थे, वहीं आज यह संख्या घटकर 5 करोड़ 59 लाख 76 हज़ार हो गई है।उनके मुताबिक -
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नौकरी करने की चाहत रखने वालों की संख्या भी पिछले पाँच साल में 6 करोड़ 25 लाख से घटकर 5 करोड़ 88 लाख हो गई जबकि नौकरी करने योग्य लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है।
अनुपम, युवा आंदोलनकारी, मेरठ कैंट में मंगलवार को
अनुपम ने कहा - बीजेपी के इन 5 साल के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश के ग्रेजुएट युवाओं में बेरोजगारी दर बढ़कर दुगुनी हो गई है। वादा किया कि सरकार बनते ही 90 दिनों के अंदर सभी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे, लेकिन 5 साल बाद भी 5 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। प्रचार में 5 लाख सरकारी नौकरी का दावा करने वाली सरकार आरटीआई के जवाब में इन्हीं नौकरियों का विभागवार ब्यौरा नहीं दे पाती हैयुवा नेता ने कहा, प्रदेश सरकार के स्कूलों में तीन लाख से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त होने के बावजूद पाँच वर्षों के कार्यकाल में एक भी नयी शिक्षक भर्ती नहीं निकली। उन्होंने कहा -
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भर्तियों में लेटलतीफी, भ्रष्टाचार और अनियमितता का यह आलम है कि प्रदेश में कम से कम एक दर्जन पेपर लीक हुए और अकेले यूपीएसएसएससी की कुल 21 भर्तियाँ लंबित हैं।
- अनुपम, युवा आंदोलनकारी, मेरठ कैंट में मंगलवार को
'युवा हल्ला बोल' के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी रजत यादव ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के कार्यकाल में युवाओं को रोज़गार के नाम पर सिर्फ झूठा प्रचार मिला है। यह झूठा प्रचारतंत्र प्रदेश ही नहीं दिल्ली बेंगलुरु समेत देशभर में चलाया गया। रोज़गार देने की बजाय जनता का पैसा झूठे प्रचार में बहाने को लेकर रजत यादव ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए युवाओं से 'पढ़ाई कमाई दवाई' के मुद्दों पर वोट करने की अपील की। रजत यादव ने बताया कि वो पहले दिन से ही उत्तर प्रदेश के चुनावों को युवाओं के एजेंडे पर लाने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी के तहत 'युवाओं की यूपी' मुहिम की शुरुआत की गयी है जिसके जरिए प्रदेश भर में चौपालों का आयोजन किया गया है।
आंदोलन के राष्ट्रीय महासचिव प्रशांत कमल ने भी प्रेस वार्ता को संबोधित किया और बीजेपी नेता अमित शाह द्वारा जारी किए गए घोषणापत्र को जुमलापत्र की संज्ञा दी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा घोषणापत्र के लिखित वादों को याद दिलाते हुए प्रशांत कमल ने कहा कि युवाओं को डबल इंजिन की सरकार ने डबल धोखा दिया है। लेकिन देश का बेरोज़गार युवा अब सरकार की अक्षमता और संवदेनहीनता के खिलाफ आवाज़ उठाने लगा है। अगर सरकारों को अब भी होश नहीं आया तो आने वाले समय में रोज़गार के लिए बड़े युवा आंदोलन की तैयारी होगी।
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