ऐसे समय जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज और उनकी कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं, दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरण में भी इसकी एक झलक मिलती है।