दुनिया भर में मशहूर और ब्रिटेन से छपने वाली स्वास्थ्य पत्रिका 'द लांसेट' ने शोध में पाया है कि कोरोना टीका की दो खुराकों के बीच का अंतर कम होना चाहिए क्योंकि पहली खुराक़ के बाद इतनी एंटीबॉडी नहीं बनती है कि वह उस व्यक्ति को पूरी तरह इम्यून कर सके। भारत में पाए जाने वाले 'डेल्टा' किस्म के वायरस के साथ ख़ास कर महत्वपूर्ण है।
'द लांसेट' : कोरोना टीके की दो खुराक़ों के बीच कम अंतर हो
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- 5 Jun, 2021
दुनिया भर में मशहूर और ब्रिटेन से छपने वाली स्वास्थ्य पत्रिका 'द लांसेट' ने शोध में पाया है कि कोरोना टीका की दो खुराकों के बीच का अंतर कम होना चाहिए। यह भारत सरकार के फ़ैसले के ठीक उलट है।

यह भारत सरकार के उस फ़ैसले के ठीक उलट है, जिसमें दो कोरोना खुराकों के बीच का समय 6-8 हफ़्ते से बढ़ा कर 12-16 हफ़्ता कर दिया गया।
उस समय भी सरकार ने इसके लिए ठोस वैज्ञानिक आधार या किसी शोध का हवाला नहीं दिया था। यह कहा गया था कि कोरोना टीके की कमी के कारण सरकार ने यह फ़ैसला लिया है, हालांकि सरकार ने कोरोना वैक्सीन की कमी से इनकार किया था।