दुनिया भर में मशहूर और ब्रिटेन से छपने वाली स्वास्थ्य पत्रिका  'द लांसेट' ने शोध में पाया है कि कोरोना टीका की दो खुराकों के बीच का अंतर कम होना चाहिए क्योंकि पहली खुराक़ के बाद इतनी एंटीबॉडी नहीं बनती है कि वह उस व्यक्ति को पूरी तरह इम्यून कर सके। भारत में पाए जाने वाले 'डेल्टा' किस्म के वायरस के साथ ख़ास कर महत्वपूर्ण है।