क्या नेपाल एक बार फिर भारत के दबाव में आ गया है या उसने अपने दूरगामी हितों को ध्यान में रख कर सोच-समझ कर यह फ़ैसला किया है कि नक्शे के मामले को बहुत अधिक तूल देने के बजाय भारत को शांत किया जाए? कारण चाहे जो हो, पर यह तो साफ है कि दोनों पड़ोसियों के बीच कटुता में कमी आई है। रिश्ते सुधर रहे हैं।
नक्शा विवाद पर नेपाल ने दिया पीछे हटने का संकेत
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- 25 Oct, 2020

सामान्य सी दिखने वाली यह बात मामूली नहीं है। चीन-समर्थक छवि वाले ओली के इस व्यवहार को भारत के प्रति झुकाव या भारत के सामने आत्मसमर्पण करने की तरह देखा जा रहा है। इसकी वजह यह है कि पिछले साल इस मुद्दे पर काफी विवाद हुआ था। नेपाल का कहना है कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा उसके इलाक़े हैं और भारत ने उन पर ज़बरन कब्जा कर रखा है।