तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बुधवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) एक "हिन्दुत्व नीति" है और परिसीमन का प्रस्ताव बीजेपी को राजनीतिक लाभ पहुँचाने के लिए बनाया गया है। डीएमके अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार का यह कदम लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों को कमजोर करता है।
स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हिन्दुत्व पॉलिसी क्यों कहा, जानिये
- देश
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- सत्य ब्यूरो
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- 13 Mar, 2025
डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हिन्दुत्व पॉलिसी कहते हुए केंद्र के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने परिसीमन को लेकर भी केंद्र की आलोचना की है। जानिये पूरा घटनाक्रमः

चेन्नई में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्टालिन ने कहा कि एनईपी को लागू करने का मकसद शिक्षा को केंद्रीकृत करना और इसे एक खास विचारधारा से जोड़ना है, जिसे उनकी पार्टी स्वीकार नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, "यह नीति शिक्षा को भगवाकरण करने की कोशिश है, और हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।"