पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने निधन से पहले जो आख़िरी ट्वीट किया था उसमें उन्होंने लिखा था कि वह इस दिन के इंतज़ार में थीं। माना जाता है कि उन्होंने यह ट्वीट अनुच्छेद 370 को लेकर किया था। इस अनुच्छेद को ख़त्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बाँट दिया गया है। दोनों हिस्से को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
इन्हीं ख़बरों के बीच सुषमा ने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित ट्वीट में लिखा था, 'प्रधानमंत्री जी, आपका हार्दिक अभिनंदन। मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी।'
प्रधान मंत्री जी - आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी. @narendramodi ji - Thank you Prime Minister. Thank you very much. I was waiting to see this day in my lifetime.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) August 6, 2019
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को निधन हो गया है। वह 67 वर्ष की थीं। बुधवार दोपहर को 12 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी दफ़्तर में रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे लोदी रोड स्थित क्रीमेटोरियम में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। सुषमा स्वराज के घर पर उनको श्रद्धांजलि देने के लिए लोग पहुँच रहे हैं।
अपने निधन के दिन सुषमा ने सिर्फ़ एक ही ट्वीट किया था। इससे पहले पाँच अगस्त को यानी रविवार को उन्होंने दो ट्वीट किए थे। एक ट्वीट में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के भाषण को उत्कृष्ट क़रार देते हुए बधाई दी थी। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा था, 'राज्य सभा के उन सभी सांसदों का बहुत बहुत अभिनन्दन जिन्होंने आज धारा 370 को समाप्त करने वाले संकल्प को पारित करवा कर डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी और उनके एक भारत के सपने को साकार किया।'
ट्वीटर पर रही थीं काफ़ी सक्रिय
सुषमा ट्वीटर पर काफ़ी सक्रिय रही थीं। ट्विटर पर लोगों की मदद करने में उनकी सक्रियता के कारण ही लोग दुनिया भर से उनसे मदद माँगते थे। सुषमा हर ऐसे मामले में मदद को आगे आईं। विदेश मंत्री के अपने पूरे कार्यकाल के दौरान लोगों की मदद करने के लिए प्रसिद्ध रहीं सुषमा ने सोशल मीडिया के माध्यम से विदेश मंत्रालय तक आम लोगों की पहुँच को आसान बना दिया। दूसरे शब्दों में कहें तो सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने कुटनीति को आम लोगों तक पहुँचा दिया था।
उन्होंने सऊदी अरब, यमन, लीबिया, सूडान सहित कई देशों में फँसे भारतीयों को वह सुरक्षित देश में वापस लाईं। कई बार ऐसा मौक़ा भी आया जब पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी लोगों ने मदद माँगी और उन्होंने उनकी सहायता के लिए हाथ आगे बढ़ाया। उन्होंने पाकिस्तान के कई बच्चों को भारत में इलाज के लिए आसानी से वीजा दिलवाया। पाकिस्तान में वर्षों से रह रही भारतीय मूक-बधिर बच्ची गीता के साथ उनके प्यार को हमेशा याद किया जाएगा। इसके लिए उनकी तारीफ़ भारत ही में नहीं, बल्कि पाकिस्तान और दूसरे देशों में भी हुई।
बता दें कि सुषमा स्वराज ने स्वास्थ्य की वजहों से पिछला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। सुषमा को काफ़ी पहले से किडनी की समस्या थी। उन्होंने अप्रैल 2016 में किडनी का प्रत्यारोपण भी कराया था। इस बीमारी के के बाद से ही उन्होंने अपनी राजनीतिक सक्रियता कम कर दी थी। हालाँकि, इसके बावजूद वह मोदी सरकार में एक बेहद महत्वपूर्ण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी संभालती रहीं। कार्यकाल पूरा होने के बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर हो गई थीं।
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