सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न निरोधी) क़ानून, 2018 को मंजूरी दे दी है। अदालत ने इस क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस मामले में अब शिकायत के बाद तुरंत एफ़आईआर भी होगी और गिरफ़्तारी भी। एससी-एसटी समुदाय के लोगों के उत्पीड़न के अभियुक्त को अब अग्रिम जमानत भी नहीं मिलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी संशोधन क़ानून की वैधता को मंजूरी दी
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- 10 Feb, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (उत्पीड़न निरोधी) क़ानून, 2018 को मंजूरी दे दी है। अदालत ने इस क़ानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
