चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। सुनवाई के दूसरे दिन बुधवार को अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या राजनीतिक फंडिंग के लिए चुनावी बांड राजनीतिक दलों को "वैध रिश्वत" हैं। यह योजना समान अवसर उपलब्ध कराने में भी नाकाम रही है। इसमें दानकर्ता की पहचान छिपाने का मामला भी अजीबोगरीब है। सरकार को दानकर्ता के बारे में सारी जानकारी है लेकिन विपक्ष को कोई जानकारी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- चुनावी बांड समान अवसर देने में नाकाम
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- 29 Mar, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर चुनावी बांड योजना को रद्द किया जाता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि राजनीतिक चंदे को बेहिसाब नकदी और काले धन के युग में धकेलने की कोशिश की जा रही है।
