सुप्रीम कोर्ट ने सात राज्यों की ओर से NEET, JEE के एग्जाम को टालने के लिए दायर की गई याचिका को शुक्रवार को रद्द कर दिया है। इन दिनों ज्वाइंट एन्ट्रेंस एग्जाम यानी JEE के एग्जाम चल रहे हैं जबकि नेशनल एलिजिबिलिटी कम एन्ट्रेंस टेस्ट यानी NEET का एग्जाम 13 सितंबर को होना है। JEE के लिए 9.53 लाख और NEET के लिए 15.97 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने अपने पुराने आदेश की समीक्षा करने की मांग को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने पिछले आदेश में इन एग्जाम को कराने वाली संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को एग्जाम तय समय पर कराने के लिए कहा था।
ये सभी सात राज्य ग़ैर बीजेपी शासित हैं और इनमें शामिल महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बगाल, पंजाब सहित बाक़ी राज्यों ने भी केंद्र सरकार से इन एग्जाम को टालने की मांग की थी लेकिन केंद्र सरकार अपने फ़ैसले पर अड़ी रही थी।
इन राज्यों की ओर से लगाई गई याचिका में कहा गया था कि NEET, JEE के एग्जाम कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश आया है, उसमें छात्रों के स्वास्थ्य के पहलू को नज़रअंदाज़ किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने भी इस संबंध में दायर एक याचिका को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि छात्रों के क़ीमती साल को बर्बाद नहीं होने दिया जा सकता। याचिका में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एग्जाम को रद्द करने की मांग की गई थी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इन एग्जाम को रद्द करने की मांग की थी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपील की थी कि सरकार इन एग्जाम को टाल दे।
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