विवादास्पद कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के पैनल की रिपोर्ट चार दिन पहले सार्वजनिक हुई। इसे लेकर बड़ा शोर मचा कि तमाम किसान संगठन कृषि बिलों के पक्ष में थे। मीडिया के एक खास वर्ग ने इस रिपोर्ट का धुआंधार प्रचार किया, डिबेट किए। लेकिन वाकई सच ये नहीं है कि अधिकांश किसान संगठन कृषि बिलों के पक्ष में थे। हकीकत ये है कि उस रिपोर्ट को जनता के सामने तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। ...तो फिर सच क्या है, इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट छाप कर सच बता दिया है कि उस रिपोर्ट में और क्या था...
रिपोर्ट की जांच से पता चलता है कि जिस राय के जरिए पैनल इस नतीजे पर पहुंचा था, दरअसल, उसके राय मांगने की प्रक्रिया व्यापक रूप से किसानों से दूर थी। वास्तव में, समिति ने कुछ से ही सीधे बातचीत की, या तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए या उन्हें बैठक में बुलाकर सूचना मांगी।
अर्ध सत्यः कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट पैनल ने पूरा सच नहीं बताया
- देश
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- 29 Mar, 2025
सुप्रीम कोर्ट पैनल ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में बताया था कि ज्यादातर किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में थे। लेकिन यह सच नहीं है। दरअसल, उस रिपोर्ट का आधा सच ही सामने आया। इंडियन एक्सप्रेस ने उस रिपोर्ट का पूरा सच बताया है।
