प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जिस इंटरनेशनल ज्यूडिशियल कॉन्फ़्रेंस में शामिल हुए उसमें सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जजों में से एक जस्टिस अरुण मिश्रा की ओर से उनको ज़बरदस्त तारीफ़ मिली। जस्टिस मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं जिनके पास वैश्विक नज़रिया है और काम स्थानीय स्तर पर करते हैं। उन्होंने मोदी को 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख़्यात विज़नरी' यानी दूरदर्शी बताया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ ही उन्होंने केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की भी तारीफ़ की कि पुराने पड़ चुके 1500 क़ानूनों को ख़त्म कर दिया गया।
यह इंटरनेशनल ज्यूडिशियल कॉन्फ़्रेंस 'न्यायपालिका और बदलती दुनिया' विषय पर है। सुप्रीम कोर्ट परिसर में हुए इस कार्यक्रम में जस्टिस मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न्यायपालिका के सामने चुनौतियाँ समान हैं और न्यायपालिका की इस बदलती दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका है।
जस्टिस ने कहा, 'प्रतिष्ठित मानव अस्तित्व हमारी प्रमुख चिंता है। हम बहुमुखी प्रतिभा श्री नरेंद्र मोदी, जो विश्व स्तर पर सोचते हैं और स्थानीय स्तर पर कार्य करते हैं, का शुक्रिया अदा करते हैं कि उनके प्रेरक भाषण विचार-विमर्श शुरू करने और सम्मेलन के लिए एजेंडा सेट करने में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगे।'
हालाँकि इसके साथ ही जस्टिस मिश्रा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि न्यायिक व्यवस्था को और मज़बूत करने की ज़रूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत संवैधानिक दायित्वों के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद से मुक्त एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित दुनिया के लिए समर्पित है।
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