भारत में सीआरपीसी की धारा 41 और 41ए के तहत बेगुनाह लोगों की होने वाली अंधाधुंध गिरफ्तारियों पर रोक लग सकती है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। अदालत ने कहा कि जो भी पुलिस अधिकारी इन दोनों धाराओं में गिरफ्तारी करेगा जिनमें 7 वर्ष से कम सजा है, उसे लिखित में गिरफ्तारी की वाजिब बतानी होंगी। इसमें लापरवाही पर उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में देश में अंडर ट्रायल (विचाराधीन कैदी) की बढ़ती संख्या के लिए धारा 41 और 41ए के दुरुपयोग को जिम्मेदार माना है। अदालत ने सरकार से कहा कि वो इस दुरुपयोग को रोकने के लिए नया जमानत कानून बनाए।