कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चीन की भारत में घुसपैठ के मुद्दे पर जिद्दी रवैया अपना रही है और चर्चा नहीं होने देना चाहती। इससे पता चलता है कि वह लोकतंत्र का सम्मान नहीं करती है।
तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के मामले में भी कांग्रेस लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है और संसद में चर्चा कराने की मांग कर रही है। कांग्रेस की मांग है कि इस मुद्दे पर संसद में विस्तृत चर्चा कराई जाए जबकि बीजेपी ने कहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मामले में संसद में बयान दे चुके हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोनिया ने सुप्रीम कोर्ट के साथ टकराव के लिए भी मोदी सरकार पर हमला बोला है। संसद के सेंट्रल हॉल में कांग्रेस के संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि मंत्री और यहां तक कि ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठे लोग भी अपने बयानों में न्यायपालिका पर हमला कर रहे हैं।
बताना होगा कि बीते दिनों केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के द्वारा नेशनल ज्यूडिशल अपॉइंटमेंट कमीशन यानी एनजेएसी को लेकर बयान दिए गए थे। किरण रिजिजू ने कॉलिजियम प्रणाली की आलोचना की थी।
कांग्रेस सांसदों की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि भारत लगातार महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक ध्रुवीकरण, लोकतांत्रिक संस्थानों के कमजोर होने और सीमा पर हो रही घुसपैठ जैसी बाहरी और आंतरिक चुनौतियों से जूझ रहा है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोनिया गांधी ने कांग्रेस सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी देश के सामने कोई राष्ट्रीय चुनौती आती है तो संसद को विश्वास में लेने की परंपरा रही है और उस मुद्दे पर चर्चा होती है। उन्होंने सवाल पूछा कि चीन लगातार हम पर हमला करने के लिए क्यों तैयार दिख रहा है, हमने इन हमलों का जवाब देने के लिए किस तरह की तैयारियां की हैं और आगे क्या किए जाने की जरूरत है।
सोनिया ने कहा कि विभाजनकारी राजनीति के जरिये नफरत फैलाई जा रही है और समाज के कुछ तबकों को निशाना बनाया जा रहा है और इस तरह के विभाजन से हम कमजोर हो रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि ऐसे वक्त में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को एकजुट रखे ना कि उन्हें बांटे, जैसा वह पिछले कुछ सालों से कर रही है।
उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि आर्थिक हालात भी बेहद खराब बने हुए हैं जबकि सरकार बार-बार कह रही है कि सब कुछ ठीक है। रोजमर्रा के काम में आने वाली वस्तुओं की कीमत बढ़ती जा रही है और इसका करोड़ों देशवासियों पर असर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए कोई रोजगार नहीं है, इसके अलावा नोटबंदी और खराब ढंग से लागू किए गए जीएसटी के बाद से तमाम छोटे कारोबार अभी तक संघर्ष कर रहे हैं। खेती की लागत भी लगातार बढ़ रही है और किसान भी परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा को रोक रही है और जो कोई सरकार से सवाल पूछता है उसे निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा न सिर्फ केंद्र में बल्कि सत्तारूढ़ दल के हर राज्य में हो रहा है।
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