कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने एनसीपी और शिवसेना के साथ मिल कर महाराष्ट्र में सरकार बनाने को हरी झंडी दे दी है। एनसीपी के नेता मजीद मेमन ने इसकी पुष्टि करते हुए पत्रकारों से कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी के साथ मिल कर सरकार बनाए, इस पर सोनिया राजी हो गई हैं।
मेमन ने कहा, 'साझा न्यूनतम कार्यक्रम अब तक तय नहीं हुआ है। पर मैडम (सोनिया गाँधी) ने सरकार बनाने को लिए हरी झंडी दे दी है। हम एक स्थायी और प्रगतिशील सरकार बनाने की कोशिश करेंगे।'
इसके पहले बुधवार की शाम एनसीपी नेता शरद पवार ने कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं के साख अलग-अलग बैठक की।
सोनिया गाँधी पहले शिवसेना के साथ मिल कर सरकार बनाने के पक्ष में नहीं थीं। वे सैद्धान्तिक कारणों से हिन्दुत्ववादी दल के साथ सरकार बनाने से हिचक रही थीं।
हालाँकि शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत पहले भी कह चुके हैं कि राज्य में शिवसेना के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार बनेगी और यह पूरे 5 साल चलेगी। लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार की सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से हुई मुलाक़ात के बाद पवार ने जो बयान दिए थे, उससे महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में सन्नाटा पसर गया था।
इसके पहले बुधवार को शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाक़ात की थी। हालांकि यह मुलाक़ात किसानों की समस्या के लेकर हुई थी, पर 40 मिनट की इस बैठक पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पवार ने इस मुद्दे पर तीन पेज का एक मेमोरंडम मोदी को सौंपा। पर राजनीतिक गलियारों में इस पर अफवाहों का बाज़ार गर्म था।
शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, 'पिछले 10-15 दिन से चल रही सारी अड़चनें दूर हो गईं हैं।'
पवार ने मंगलवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा था कि सोनिया गाँधी के साथ उनकी सरकार के गठन को लेकर कोई बात ही नहीं हुई है। पवार ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर संजय राउत 170 विधायकों का समर्थन होने की बात कह रहे हैं तो इस बारे में उन्हीं से पूछा जाना चाहिए। यह वही पवार थे जिन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेतृत्व में सरकार बनेगी और पूरे 5 साल चलेगी।
मंगलवार को अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी एक ख़बर से यह बात साफ़ हो गई थी कि पवार के बयानों पर भरोसा मत कीजिए और पर्दे के पीछे शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनने का ‘खेल’ जारी है। ख़बर में कहा गया था कि तीनों दलों के बीच सरकार के गठन पर सहमति बन गई है और अगले महीने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में सरकार बन सकती है।
बुधवार शाम कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं के बीच बैठक देर तक चलती रही। दोनों के बीच साझा कार्यक्रम को लेकर चर्चा जारी है। कुछ बिन्दुओं पर सहमति बन गई है, जबकि कुछ दूसरे बिन्दुओं पर मतभेद बरकरार है। इस बैठक में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, के. सी. वेणुगोपाल, अहमद पटेल, जयराम रमेश, पृथ्वीराज चव्हाण और नसीम खान मौजूद थे। वहीं, एनसीपी की तरफ से अजित पवार और सुनील तटकरे समेत अन्य बैठक में शामिल हुए।
माना जा रहा है कि जयराम रमेश दोनों पार्टियों के बीच नई सरकार के गठन को लेकर हो रहे समझौते को दर्ज कर कर रहे हैं। इस बैठक पर सबकी निगाह टिकी हुई है।
शिवसेना के सांसद संजय राउत को भी एनसीपी-कांग्रेस की मीटिंग से बड़ी उम्मीद है। इस बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि गुरुवार दोपहर तक नई सरकार के गठन की तस्वीर साफ हो जाएगी।
अपनी राय बतायें