पार्श्व गायक सोनू निगम ने कहा है कि हालाँकि हिंदी देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है, लेकिन इसे गैर-हिंदी भाषी लोगों पर नहीं थोपा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदी को 'संविधान में राष्ट्रभाषा' के रूप में नहीं बताया गया है।
उनका यह बयान उस संदर्भ में आया है जिसमें पिछले हफ्ते बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन और कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप के बीच ट्विटर पर विवाद हुआ था। अभिनेता किच्चा सुदीप ने बयान में कहा था कि हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं है। उस पर अजय देवगन ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने ट्वीट किया था, 'किच्चा सुदीप, मेरे भाई, आपके अनुसार अगर हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है तो आप अपनी मातृभाषा की फ़िल्मों को हिंदी में डब करके क्यूँ रिलीज़ करते हैं? हिंदी हमारी मातृभाषा और राष्ट्रीय भाषा थी, है और हमेशा रहेगी।'
इसके बाद हिंदी और राष्ट्रभाषा के विवाद ने जोर पकड़ा था। इस विवाद पर मनोज बाजपेयी, राम गोपाल वर्मा और हंसल मेहता सहित कई अभिनेता और फिल्म निर्माता बहस में शामिल हुए। अब राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गायक सोनू निगम ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है।
पत्रकार सुशांत मेहता द्वारा संचालित एक हालिया कार्यक्रम में सोनू निगम ने कहा, 'संविधान में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। यह सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हो सकती है, लेकिन राष्ट्रभाषा नहीं। वस्तुतः तमिल सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत और तमिल के बीच एक बहस है। लेकिन, लोग कहते हैं कि तमिल पूरी दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा है।'
Perfect response to Ajay Devgn by Sonu Nigam: Let's not divide people further in this country, where is it written that Hindi is our national language? 👏 pic.twitter.com/hC9nHbXJHy
— Sushant Mehta (@SushantNMehta) May 2, 2022
सोनू निगम ने वीडियो में कहा, 'अभी तुम्हारे बाकी देशों से पंगे कम हैं जो तुम अपने देश में कर रहे हो? यह चर्चा भी क्यों हो रही है?'
गायक ने जोर देकर कहा कि किसी को यह नहीं बताया जाना चाहिए कि किस भाषा में बोलना है। उन्होंने कहा, "पंजाबी पंजाबी में बोल सकते हैं, तमिल तमिल में बात कर सकते हैं और अगर वे सहज हैं तो वे अंग्रेजी में बात कर सकते हैं। हमारे कोर्ट के सारे फ़ैसले अंग्रेजी में दिए जाते हैं, ये क्या है 'हमें हिंदी बोलना चाहिए'"। सोनू निगम ने यह भी कहा कि अंग्रेजी हमारी संस्कृति का हिस्सा बन गई है।
हिंदी का यह ताज़ा विवाद तब शुरू हुआ था जब किच्चा सुदीप ने 'कर्नाटक तक' के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा था, 'हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं है।' इस पर अजय देवगन ने ट्वीट किया था। बाद में इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ आईं। बीजेपी नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, 'हमारे राज्यों का गठन भाषाओं के कारण हुआ है। क्षेत्रीय भाषाओं को महत्व दिया गया है। सुदीप का बयान सही है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।'
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने ट्वीट किया, 'एक राष्ट्र, एक कर, एक भाषा और एक सरकार के बीजेपी के हिंदी राष्ट्रवाद के मुखपत्र के रूप में अजय देवगन ने बकवास किया।' पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा कभी नहीं थी और न कभी होगी। हमारे देश की भाषाई विविधता का सम्मान करना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। प्रत्येक भाषा का अपना समृद्ध इतिहास होता है, जिस पर लोगों को गर्व है। मुझे कन्नड़ होने पर गर्व है!'
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