हाल ही में जारी की गयी एक रिपोर्ट में भारत को महिलाओं पर यौन हिंसा के सन्दर्भ में सबसे असुरक्षित देशों की सूची में दूसरा स्थान दिया गया है। वर्ष 2018 में इस सूची में भारत का स्थान चौथा था। इस रिपोर्ट को आर्म्ड कनफ्लिक्ट लोकेशन एंड इवेंट डाटा प्रोजेक्ट नाम की संस्था ने तैयार किया है। यानी भारत में महिलाओं की स्थिति पिछले साल से ज़्यादा ख़राब हुई है। ऐसे में क्या महिला सुरक्षा और ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा बेमानी साबित नहीं हो रहा है? महिलाओं की स्थिति पर दुनिया की हर रिपोर्ट में भारत की रिपोर्ट ख़राब क्यों आ रही है?