मोदी सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय ने मंगलवार (17 दिसंबर) को संसद को बताया कि सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई "व्यवसाय-आधारित" है। यह जाति-आधारित कार्य नहीं है। उसने यह बात देश के तमाम शहरों और कस्बों में सीवर और सेप्टिक टैंक सफाई कर्मचारियों (एसएसडब्ल्यू) के अपने पहले सर्वेक्षण के आंकड़ों के जरिये कही है। अगर आप लोगों को याद हो कि मोदी ने इलाहाबाद (प्रयागराज) में कुछ सफाईकर्मियों के पैर धोये थे। लेकिन वो सभी एससी समुदाय से थे।