देश में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई में 92 फीसदी लोग दलित, एसटी और ओबीसी समुदायों से आते हैं लेकिन मोदी सरकार संसद को बता रही है कि यह थोपा गया जातिगत पेशा नहीं बल्कि प्रोफेशन आधारिक पेशा है यानी जो लोग इस काम में लगे हैं, उन्होंने इसे खुद चुना है। वो अपनी जाति के कारण इसमें नहीं हैं। इससे संबंधित रिपोर्ट सरकार ने संसद में पेश की है। जानिये इसमें और क्या हैः