तमिलनाडु पुलिस ने आरएसएस को 2 अक्टूबर को राज्य में रूट मार्च (पथ संचलन) आयोजित करने की अनुमति को खारिज कर दिया है। पुलिस ने पीएफआई के मद्देनजर छापे और संदिग्ध लोगों की धरपकड़ की वजह से अनुमति देने से मना किया। लेकिन आरएसएस इस आदेश के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में पहुंच गया है, जहां शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हो सकती है।
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने गुरुवार को पीएफआई के नेताओं / कार्यकर्ताओं के परिसरों पर एनआईए के छापों के बाद हुई हिंसा की घटनाओं का उल्लेख करते हुए रूट मार्च और रैली की अनुमति देने के लिए हालात को सही नहीं बताया है। उसने इसी आधार पर पथ संचलन की अनुमति नहीं दी।
केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद, आशंका थी कि कुछ असामाजिक तत्व शांति को बाधित कर सकते हैं और सार्वजनिक जीवन/संपत्ति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए, पुलिस ने फैसला किया था कि 2 अक्टूबर, 2022 को किसी भी संगठन को आंदोलन, जुलूस, जनसभा आदि आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें जारी आदेश की समीक्षा करने की मांग की गई थी।
बहरहाल, आरएसएस की ओर से मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले की फौरन सुनवाई की मांग की गई। कोर्ट ने शुक्रवार की तारीख दी। आरएसएस का कहना है कि तमिलनाडु सरकार ने अनुमति नहीं देकर अदालत की अवमानना की है। क्योंकि अदालत ने सरकार से अनुमति देने को कहा था।
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