समलैंगिक विवाह को क़ानूनी मान्यता दिए जाने की मांग पर चल रहे विवाद के बीच अब आरएसएस की एक संस्था ने सर्वे कराया है। आरएसएस की महिला शाखा से संबद्ध संवर्धिनी न्यास के एक सर्वे के अनुसार, कई डॉक्टरों और संबद्ध चिकित्सा पेशेवरों का मानना है कि समलैंगिकता 'एक डिसऑर्डर' यानी बीमारी है और यदि समलैंगिक विवाह को वैध कर दिया जाता है तो यह समाज में और बढ़ेगा।
समलैंगिक शादी वैध हुई तो समलैंगिकता 'बीमारी' बढ़ेगी: RSS की संस्था का सर्वे
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- 6 May, 2023
क्या समलैंगिकता एक बीमारी है? समलैंगिकता को शादी की मान्यता दिए जाने से यह कथित बीमारी बढ़ेगी? क्या समलैंगिक जोड़े अपने बच्चे की देखभाल ठीक से नहीं कर सकते हैं? जानिए, आरएसएस की एक संस्था ने सर्वे में क्या-क्या दावे किए।

आरएसएस से जुड़ी संस्था का यह सर्वे तब आया है जब समलैंगिक शादी का मामला अदालत में है और संविधान पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही है। हाल ही में एक सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से भारत के सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार इस बात की जांच करने के लिए एक समिति का गठन करने के लिए सहमत है कि क्या समलैंगिक जोड़ों को कुछ कानूनी अधिकार दिए जा सकते हैं। हालाँकि विवाह के रूप में उनके रिश्ते की क़ानूनी मान्यता का सवाल इसमें शामिल नहीं है।