विवाद की शुरुआत
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी ने बुधवार को एक ट्वीट के जरिए घोषणा की कि केंद्र की योजना राष्ट्रीय राजधानी के मदनपुर खादर इलाके में टेंट में रह रहे लगभग 1,100 रोहिंग्याओं को बुनियादी सुविधाओं और चौबीसों घंटे फिर से बसाने की है।India has always welcomed those who have sought refuge in the country. In a landmark decision all #Rohingya #Refugees will be shifted to EWS flats in Bakkarwala area of Delhi. They will be provided basic amenities, UNHCR IDs & round-the-clock @DelhiPolice protection. @PMOIndia pic.twitter.com/E5ShkHOxqE
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) August 17, 2022
उन्होंने कहा- भारत संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी सम्मेलन 1951 का सम्मान करता है और उसका पालन करता है और सभी को उनकी जाति, धर्म या पंथ की परवाह किए बिना शरण देता है।
गृह मंत्रालय का जोरदार खंडन
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने अपने ही मंत्री हरदीप पुरी के बयान का खंडन चंद घंटों में ही कर दिया। मंत्रालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि केंद्र ने नई दिल्ली के बक्करवाला में रोहिंग्या अवैध प्रवासियों को ईडब्ल्यूएस फ्लैट उपलब्ध कराने के लिए कोई निर्देश नहीं दिया है।With respect to news reports in certain sections of media regarding Rohingya illegal foreigners, it is clarified that Ministry of Home Affairs (MHA) has not given any directions to provide EWS flats to Rohingya illegal migrants at Bakkarwala in Delhi: MHA pic.twitter.com/dTBg9xKWt3
— ANI (@ANI) August 17, 2022
एमएचए ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने रोहिंग्याओं को एक नए स्थान पर स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था। MHA ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि रोहिंग्या अवैध विदेशी वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे क्योंकि गृह मंत्रालय पहले ही विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देश के साथ उनके निर्वासन का मामला उठा चुका है।
विश्व हिन्दू परिषद की आपत्ति
रोहिंग्या शरणार्थियों को फ्लैट दिए जाने पर आपत्ति करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के हिंदू शरणार्थी दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं। इसके मद्देनजर रोहिंग्याओं को यह जो इनाम दिया जा रहा है, वह बहुत ही निंदनीय है।The Vishwa Hindu Parishad urges the Government of India to reconsider this issue and instead of providing the Rohingyas with housing, make arrangements to send them back and out of India: Alok Kumar, Central working president, Vishwa Hindu Parishad
— ANI (@ANI) August 17, 2022
कितने रोहिंग्या
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी यूएनएचसीआर के मुताबिक दिल्ली में 17 हजार 500 रोंहिग्या शरणार्थी रजिस्टर्ड हैं। आरोप है कि रोहिंग्या बांग्लादेश से बंगाल के रास्ते दिल्ली आते हैं। दिल्ली उनकी सबसे प्रमुख जगह बन गई है। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि दिल्ली में हाल ही में हुए जहांगीरपुरी दंगे में भी रोहिंग्या शरणार्थी शामिल थे।The rock and roll social parties addict & Urban Affairs Modi’s Minister Hardip Puri should be sacked from the Ministry for his violation of national interests by ordering building of apartments for Rohingyas. BJP’s Hindutva has suffered.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 17, 2022
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