देश में कोरोना संक्रमण के मामले हर रोज़ 2 लाख से ज़्यादा आने के बीच गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार बड़ा बदलाव किया गया है। अन्य बदलावों के साथ समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को बेहद कम कर दिया है। रिपोर्ट है कि इस साल समारोह में मेहमानों की संख्या 5000-8000 के बीच रहने की संभावना है। जबकि पिछले हफ्ते तक रक्षा मंत्रालय क़रीब 24,000 लोगों को ठहराने की तैयारी कर रहा था।
रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए मेहमानों की संख्या को कम किया गया है। अंतिम संख्या अभी तय नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों ने कहा है कि इसमें काफी कटौती की जाएगी।
पिछले साल यानी 2021 में जब गणतंत्र दिवस समारोह हुआ था तब संक्रमण के मामले कम आ रहे थे और तब लगभग 25,000 मेहमानों को अनुमति दी गई थी। वैसे, आम तौर पर गणतंत्र दिवस समारोह को देखने के लिए 1.25 लाख लोग परेड में शामिल होते रहे हैं।
गणतंत्र दिवस परेड इस साल सामान्य से आधे घंटे बाद शुरू होगी। 26 जनवरी के आसपास कोहरे की भविष्यवाणी है तो बेहतर दिखाई देने के लिए परेड सुबह 10 बजे के बजाय सुबह 10.30 बजे शुरू होगी।
अधिकारियों ने कहा है कि कोविड की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कई बड़े फ़ैसले लिए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि सरकार इसे 'हाइब्रिड इवेंट' के रूप में पेश कर रही है क्योंकि लोग इसे ऑनलाइन भी देख कर सकेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा है कि सख़्त कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, जिसमें मास्क पहनना अनिवार्य होगा। प्रवेश के समय थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सैनिटाइजेशन के साथ उपस्थित लोगों के दोनों टीकाकरण के प्रमाण पत्र की जांच की जाएगी। उपस्थित लोगों के लिए चिकित्सा सहायता उपलब्ध होगी।
जब आमंत्रित व्यक्ति प्रवेश करते हैं और बाहर निकलते हैं और जब वे बैठते हैं, तो कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखनी होगी।
अधिकारी ने उल्लेख किया कि उन लोगों को अवसर देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, जिन्हें आमतौर पर परेड में शामिल होने का अवसर नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि कुछ सीटें ऑटो-रिक्शा चालकों, निर्माण और सफाई कर्मचारियों, फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं आदि लोगों के लिए निर्धारित की जाएंगी।
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