भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद संसद में आए नेताओं में उत्साह स्वाभाविक है। लोकसभा में साध्वी प्रज्ञा भी पहुँची हैं, जिन्होंने महात्मा गाँधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त करार दिया था। उनके अलावा तमाम ऐसे सांसद हैं, जो विवादास्पद बयानों के सरताज रहे हैं। 2019 की लोकसभा कई मायनों में नई है, जो कई ख़तरनाक संकेत भी देने लगी है। देश के स्वतंत्र होने के बाद यह पहला मौक़ा है जब बड़े पैमाने पर संसद में धार्मिक नारे लगे हैं और सत्ता पक्ष के सांसद विपक्षी सांसदों को धार्मिक नारे लगाकर चिढ़ाते नज़र आए हैं।
संसद को क्यों बनाया जा रहा धार्मिक नारे लगाने का अखाड़ा?
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- 20 Jun, 2019

संसद में धार्मिक नारे लगाकर दूसरे दलों के नेताओं को चिढ़ाने की कोशिश किया जाना बेहद ग़लत है। देश में इससे पहले कभी ऐसा नहीं देखा गया था।