भारत जोड़ो यात्रा आज रविवार 29 जनवरी को श्रीनगर के लाल चौक पहुंच गई है, जहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तिरंगा फहरा दिया। वही हाफ टीशर्ट पहने राहुल ने तिरंगा फहराने के बाद उसे प्रणाम किया। श्रीनगर में कड़ाके की ठंड है लेकिन राहुल की टीशर्ट नहीं बदली। यात्रा का समापन कल सोमवार 30 जनवरी को श्रीनगर में होगा। 30 जनवरी को महात्मा गांधी का बलिदान दिवस भी है। भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीर घाटी में जबरदस्त रेस्पांस मिला है। आम कश्मीरी सड़क के दोनों तरफ खड़े नजर आए। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां इससे थोड़ा परेशान भी दिखीं। कश्मीर में अवाम ऐसे राजनीतिक कार्यक्रम से दूर रहता है लेकिन उसने अपने इस नियम को तोड़ दिया।
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राहुल गांधी ने जब यात्रा शुरू की थी तो तमाम तरह की बातें बीजेपी और कतिपय लोगों द्वारा कही गईं थी। तमाम लोगों ने इसका मजाक उड़ाया। इसके टीवी और अखबारों में वो प्रचार नहीं मिला, जितना प्रचार सत्तारूढ़ सरकार का किया जाता है। बीच में मोदी सरकार ने राहुल से कहा कि कोरोना फैल रहा है, इसलिए भारत जोड़ो यात्रा स्थगित कर दी जाए। लेकिन राहुल गांधी अपनी गति से आगे बढ़ते रहे। हालांकि यह भी कहा गया कि यह यात्रा कांग्रेस को जिन्दा करने के लिए थी। अगर यह सच है तो इसमें बुराई क्या है। लेकिन राहुल शुरू से कहते रहे कि यह यात्रा नफरत के खिलाफ है। यात्रा के दौरान उनका मोहब्बत की दुकान वाला जुमला जबरदस्त मशहूर हो गया और यह अब लोगों की जुबान पर है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा है कि असल में राहुल को तिरंगा 30 जनवरी को कांगर्स पार्टी दफ्तर पर फहराना था लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। श्रीनगर प्रशासन ने इसके बाद लाल चौक पर तिरंगा फहराने की इजाजत दी लेकिन शर्त रखी की 29 जनवरी को ही इसे फहराना होगा। इसलिए राहुल ने आज रविवार को लाल चौक पर तिरंगा फहराया। कल सोमवार को होने वाली रैली अपने समय पर ही होगी।
कश्मीर घाटी में राहुल के इंतजार में कश्मीरी।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 12 विपक्षी दल सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह में शामिल होंगे। कांग्रेस ने कहा कि समारोह के लिए 21 दलों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन कुछ सुरक्षा कारणों से इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीडीपी उन पार्टियों में शामिल हैं, जो इस समारोह में शामिल नहीं होंगी
एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), तेजस्वी यादव की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरे की शिवसेना, सीपीआई (एम), सीपीआई विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), केरल कांग्रेस, फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), और शिबू सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) श्रीनगर में समारोह में भाग लेंगे।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी शनिवार को यात्रा के लिए भाई राहुल गांधी के साथ शामिल हो गईं। यात्रा आज रविवार को अवंतीपुरा से आगे बढ़ रही है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती भी अवंतीपुरा से थोड़ा पहले शनिवार को यात्रा में शामिल हुईं थीं। मुफ्ती परिवार की तीन पीढ़ियां इस यात्रा में शामिल हुईं। महबूबा के अलावा उनकी मां और बेटी भी साथ थीं।
स्थानीय पुलिस ने यात्रा के भारी सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। शुक्रवार को राहुल की सुरक्षा में चूक का आरोप लगने के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस बहुत एलर्ट पर है। हालांकि राज्य के डीजीपी सुरक्षा चूक से इनकार कर चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 27 जनवरी की "सुरक्षा चूक" घटना के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की थी।
खड़गे ने लिखा था कि हम अगले दो दिनों में यात्रा के श्रीनगर पहुंचने और 30 जनवरी को होने वाले समारोह में शामिल होने के लिए एक विशाल सभा की उम्मीद कर रहे हैं। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और अन्य महत्वपूर्ण राजनीतिक दलों के नेता इस दिन होने वाले समापन समारोह में भाग ले रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने अमित शाह को लिखे अपने पत्र में कहा, अगर आप व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हस्तक्षेप कर सकते हैं और संबंधित अधिकारियों को श्रीनगर में 30 जनवरी को यात्रा की समाप्ति और समारोह तक पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने की सलाह दे सकते हैं, तो मैं आपका आभारी रहूंगा।
सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी को कई बार वाहन पर भी चढ़ना पड़ रहा है।
कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा 7 सितंबर को देश के दक्षिणी सिरे से शुरू हुई और लगभग 145 दिनों में 3,970 किमी, 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करने के बाद 30 जनवरी को श्रीनगर में समाप्त हुई।
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