पीपुल्स यूनियन पर फोर सिविल लिबर्टीज यानी पीयूसीएल ने मानवाधिकार कार्यकर्ता और एपीसीआर के राष्ट्रीय महासचिव नदीम खान के खिलाफ दिल्ली पुलिस की एफआईआर की निंदा की है। इसने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई दुर्भावनापूर्ण है और यह मानवाधिकार कार्यकर्ता का उत्पीड़न है। पीयूसीएल ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह इस बात से स्तब्ध है कि दिल्ली पुलिस ट्विटर पर कुछ सोशल मीडिया खातों के उकसावे पर मानवाधिकार कार्यकर्ता नदीम खान को निशाना बनाकर परेशान कर रही है।
पीयूसीएल ने की मानवाधिकार कार्यकर्ता पर FIR, गिरफ़्तारी प्रयास की निंदा
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- 1 Dec, 2024
पीयूसीएल ने मानवाधिकार कार्यकर्ता और एपीसीआर के राष्ट्रीय महासचिव नदीम खान के खिलाफ कार्रवाई क्यों की? जानिए, उस पर उत्पीड़न का आरोप क्यों लग रहा है?

बयान में कहा गया है कि दिल्ली के शाहीन बाग पुलिस स्टेशन के एसएचओ सहित चार पुलिसकर्मी शनिवार यानी 30 नवंबर को शाम 5 बजे बैंगलोर में एक निजी आवास पर पहुँचे, जहां नदीम खान रह रहे थे और बिना किसी वारंट या नोटिस के उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया। बयान में कहा गया है कि शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक वे घर की पहली मंजिल के हॉल में बैठे रहे और उन्होंने नदीम को ‘अनौपचारिक हिरासत’ में दिल्ली आने के लिए मजबूर किया।