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प्रदर्शनकारी अगरतला में बांग्लादेश मिशन में घुसे, झंडा उतारा, भारत ने खेद जताया

त्रिपुरा पुलिस ने बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित हमलों के खिलाफ अगरतला में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन सोमवार को अराजक हो गया। प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में घुसकर बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज को उतार दिया। उधर, चिटगांव (बांग्लादेश) में छात्रों ने अगरतला की घटना के विरोध में प्रदर्शन किया।

पुलिस के मुताबिक विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से संबद्ध हिंदू संघर्ष समिति के सदस्यों ने बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के पास दोपहर लगभग 2 बजे रैली निकाली। जिसमें इस्कॉन भिक्षु चिन्मय दास की तत्काल रिहाई की मांग की गई, जो 25 नवंबर से ढाका की जेल में बंद हैं। सोमवार को हुए उपद्रव के बाद बांग्लादेश मिशन की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
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पुलिस ने कहा कि लगभग 50 लोगों का एक समूह उच्चायुक्त के कार्यालय के बाहर धरना दे रहा था, तभी कुछ "उपद्रवियों" ने परिसर में घुसकर माहौल को बिगाड़ा। प्रदर्शनकारियों ने "जय श्री राम" के नारे लगाए और बांग्लादेश सरकार को सावधान करने वाली तख्तियां ले रखी थीं। फोन पर पश्चिम त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने कहा कि स्थिति को कुछ ही मिनटों में नियंत्रित कर लिया गया।

एसपी ने बताया कि “यहाँ स्थिति सामान्य है। कुछ लोग उच्चायोग कार्यालय के अंदर गए और बांग्लादेश का झंडा उतार दिया। पुलिस ने उन्हें तुरंत वहां से खदेड़ दिया। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के मुद्दे पर विहिप की त्रिपुरा शाखा ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त आरिफ मोहम्मद को एक ज्ञापन सौंपा है।

विरोध प्रदर्शन में शामिल राज्य भाजपा उपाध्यक्ष सुबल भौमिक ने मीडियाकर्मियों से कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले बढ़ रहे हैं। हम ऐसे कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं। पिछले काफी समय से और खासकर बांग्लादेश में सरकार बदलने के बाद से ये हमले और तेज हो गए हैं। हम विभिन्न संगठनों के तहत यहां एकत्र हुए हैं।

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विदेश मंत्रालय ने सोमवार शाम एक बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में उपद्रवियों का घुसना "बहुत अफसोसजनक" है। इसमें कहा गया है, ''किसी भी परिस्थिति में राजनयिक और दूतावास संबंधी संपत्तियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।'' इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग और भारत में उसके उप/सहायक उच्चायोगों के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है।

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क़मर वहीद नक़वी
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