प्रियंका मंगलवार को सोनभद्र के उम्भा गाँव में आई हुई थीं, जहाँ 10 से ज़्यादा आदिवासियों का नरसंहार हुआ था। इस दौरान पत्रकारों के अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस की इस बारे में स्पष्ट राय है कि जो किया गया है, उसमें संविधान को नकारा गया है।’ प्रियंका ने कहा कि ऐसा करते वक़्त नियमों का पालन किया जाना चाहिए था, जो नहीं किया गया। कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान के लिए, लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी है और आगे भी हम संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
कांग्रेस के भीतर अनुच्छेद 370 को हटाने के मुद्दे को लेकर शुरू से ही अलग-अलग सुर सुनाई दिये थे। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने अनुच्छेद 370 को हटाने का पुरजोर विरोध किया था तो कांग्रेस के महासचिव रहे जनार्दन द्विवेदी ने कहा था कि एक भूल जो आज़ादी के समय हुई थी, उस भूल को देर से सही लेकिन सुधारा गया और यह स्वागत योग्य क़दम है। हालाँकि उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह उनकी निजी राय है।
इसके बाद राज्यसभा में कांग्रेस के चीफ़ व्हिप भुवनेश्वर कलिता ने भी इस मुद्दे पर इस्तीफ़ा दे दिया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेटे और पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मोदी सरकार के इस फ़ैसले का समर्थन किया था। इसके अलावा नेहरू-गाँधी परिवार के गढ़ रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने भी इस मुद्दे पर पार्टी लाइन से हटकर बयान दिया था।
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