राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'आज, 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।'
राष्ट्रपति ने कहा, 'मोदी सरकार ने एससी, एसटी और हाशिए पर पड़े वर्गों के कल्याण के लिए कई पहल की हैं। सामाजिक न्याय मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।'
LIVE: President Droupadi Murmu's address to the nation on the eve of the 78th Independence Day https://t.co/MCyfiybwAc
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 14, 2024
मुर्मू ने कहा, '140 करोड़ भारतीयों के साथ स्वतंत्रता का जश्न मनाना इस देश का हिस्सा होने की हमारी खुशी को दर्शाता है। जिस तरह हम अपने परिवार के साथ विभिन्न त्योहार मनाते हैं, उसी तरह हम अपने स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को भी अपने उस परिवार के साथ मनाते हैं जिसके सदस्य हमारे सभी देशवासी हैं।'
उन्होंने कहा, 'भारतीय अपने देश और विदेश में स्वतंत्रता के इस उत्सव में भाग लेते हैं। बच्चे सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं और जब हम बच्चों को जीत के बारे में बात करते हुए सुनते हैं तो हम उनके माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले लोगों के कार्यों के बारे में सुन सकते हैं और उन्हें याद कर सकते हैं।'
राष्ट्रपति ने कहा, 'हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा।' उन्होंने कहा,
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इस राष्ट्रीय आंदोलन में समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया था। तिलका मांझी, बिरसा मुंडा आदि आदिवासी समुदाय के कुछ ऐसे लोग थे जिनके प्रयासों को आज मान्यता और सराहना मिल रही है।
द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति
'भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था'
देश के नाम अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, 'वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है।'
उन्होंने कहा, 'यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है।'
'औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटाया'
राष्ट्रपति ने कहा, 'इस वर्ष जुलाई से भारतीय न्याय संहिता को लागू करने में, हमने औपनिवेशिक युग के एक और अवशेष को हटा दिया है। नई संहिता का उद्देश्य, केवल दंड देने की बजाय, अपराध-पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है। मैं इस बदलाव को स्वाधीनता सेनानियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में देखती हूं।'
In adopting the Bharatiya Nyaya Sanhita from July this year, we have removed one more relic of the colonial era. The new code is oriented towards ensuring justice for the victims of crime instead of focusing on punishment alone. I see this change as a tribute to the freedom… pic.twitter.com/16q8yyh5YA
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मुर्मू ने कहा, 'समावेशी भावना, हमारे सामाजिक जीवन के हर पहलू में दिखाई देती है। अपनी विविधताओं और बहुलताओं के साथ, हम एक राष्ट्र के रूप में, एकजुट होकर, एक साथ, आगे बढ़ रहे हैं। समावेश के साधन के रूप में, affirmative action को मजबूत किया जाना चाहिए। मैं दृढ़ता के साथ यह मानती हूं कि भारत जैसे विशाल देश में, कथित सामाजिक स्तरों के आधार पर कलह को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज करना होगा।'
उन्होंने कहा, 'रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के माध्यम से पांच वर्षों में चार करोड़ दस लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। सरकार की एक नई पहल से पांच वर्षों में एक करोड़ युवा अग्रणी कंपनियों में इंटर्नशिप करेंगे। ये सभी कदम, विकसित भारत के निर्माण में आधारभूत योगदान देंगे।'
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