देश की सर्वोच्च अदालत ने आपराधिक अवमानना के मामले में दोषी ठहराए गए जाने-माने वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण पर सजा के रूप में 1 रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा, जस्टिस बी.आर.गवई और जस्टिस कृष्णा मुरारी की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार को दिए अपने आदेश में कहा है कि अगर प्रशांत भूषण ने ये जुर्माना 15 सितंबर तक नहीं भरा तो उन्हें तीन महीने की जेल होगी और वे तीन साल तक वकालत नहीं कर पायेंगे।
अवमानना मामला: प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना, नहीं भरने पर 3 महीने की जेल होगी
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- 31 Aug, 2020

सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर दोषी ठहराये गये वकील और सामाजिक कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को अदालत ने सजा सुना दी है। भूषण पर अदालत ने एक रुपये का जुर्माना लगाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ जो प्रेस कॉन्फ्रेन्स की थी, वह नहीं करनी चाहिए थी और न्यायाधीशों को अपनी बात रखने के लिए प्रेस के पास नहीं जाना चाहिए था।
ध्यान रखें, फ़ैसला पढ़ते वक़्त जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने ये बात प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन की ओर से पेश की गई दलीलों का हवाला देते हुए कहीं। धवन का कहना था कि अगर स्टेटमेंट देना ग़लत है तो फिर जजों का प्रेस कॉन्फ्रेन्स करना भी ग़लत है। तो जज यहां धवन की दलील पढ़ रहे थे। प्रेस कॉन्फ्रेन्स को लेकर बेंच का यह अपना निष्कर्ष नहीं है।