न्यूज़क्लिक और इसके पत्रकारों पर दिल्ली पुलिस के छापों को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार की आलोचना की है। विपक्षी दलों ने कहा है कि जो बीजेपी की भजन मंडली में शामिल होने से इनकार करते हैं उनके ख़िलाफ़ इस तरह की कार्रवाई होती है। इन दलों ने कहा है कि सरकार उन लोगों से डरी हुई है जो उनकी विफलताओं पर सरकार से सवाल पूछते हैं।
कांग्रेस ने मोदी सरकार की इस कार्रवाई को पीएम मोदी का डर और घबराहट क़रार दिया है। इसने ट्वीट किया है, 'वो विपक्ष के नेता हों या फिर पत्रकार, सच बोलने वालों को प्रताड़ित किया जाएगा। आज फिर से पत्रकारों पर छापेमारी इसी बात का प्रमाण है।'
PM मोदी डरे हुए हैं, घबराए हुए हैं।
— Congress (@INCIndia) October 3, 2023
खासतौर से उन लोगों से जो उनकी विफलताओं पर, उनकी नाकामियों पर उनसे सवाल पूछते हैं।
वो विपक्ष के नेता हों या फिर पत्रकार, सच बोलने वालों को प्रताड़ित किया जाएगा।
आज फिर से पत्रकारों पर छापेमारी इसी बात का प्रमाण है।
कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक और इससे जुड़े पत्रकारों पर कार्रवाई की है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा समाचार पोर्टल के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत एक नया मामला दर्ज किया गया है। चीन से फंड लेने के आरोपों के बीच यह दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन निदेशालय की जांच के दायरे में है।
जिनके ख़िलाफ़ यह कार्रवाई की गई है उनमें वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा, भाषा सिंह, न्यूज़क्लिक वेबसाइट के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और व्यंग्यकार संजय राजौरा, लेखिका गीता हरिहरन, प्रसिद्ध पत्रकार औनिंद्यो चक्रवर्ती, एक्टिविस्ट और इतिहासकार सोहेल हाशमी आदि शामिल हैं। अधिकतर के फोन और लैपटॉप जब्त किए गए हैं और कुछ को पूछताछ के लिए थाने जाया गया है।
छापे हारती हुई भाजपा की निशानी हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 3, 2023
ये कोई नयी बात नहीं है ईमानदार खबरनवीसों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा डाले हैं छापे,
लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर कितने करोड़ हर महीने ‘मित्र चैनलों’ को दिये जा रहे हैं ये भी तो कोई छापे! pic.twitter.com/JNlwmb7uIc
शशि थरूर ने ट्वीट किया है, 'दिल्ली में 30 पत्रकारों पर छापे और उनमें से कई की गिरफ्तारी की ख़बर सुनकर स्तब्ध हूं। ये 'लोकतंत्र की जननी' की नहीं बल्कि एक असुरक्षित और निरंकुश राज्य की हरकतें हैं। इतनी मजबूत और सत्तावादी सरकार को एक समाचार वेबसाइट से ख़तरा क्यों महसूस होता है? और वह भी वह, जो पहुंच या पाठक संख्या में बहुत ऊंचे स्थान पर भी नहीं है? ...सरकार ने आज अपना और हमारे लोकतंत्र का अपमान किया है।'
Shocked to learn of the raids on 30 journalists in Delhi and arrests of several of them. These are not the actions of a “mother of democracy” but of an insecure and autocratic state. Why does a government as strong & authoritarian as this one is, feel threatened by a news…
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 3, 2023
वरिष्ठ पत्रकार सह चिन्तक उर्मिलेश जी, सोहेल हाशमी, अभिसार शर्मा, भाषा सिंह, संजय राजौरा, प्रबीर पुरकायस्थ, अनिन्द्यो चक्रवर्ती समेत कई साथियों के घर सत्ता शीर्ष के आदेश पर पुलिस अपना घिनौना चेहरा दिखा रही है. कईयों को लोदी रोड पुलिस स्टेशन अकारण ले जाया गया है.
— Manoj Kumar Jha (@manojkjhadu) October 3, 2023
मनोज झा ने एएनआई से कहा, 'यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है। आप उन्हें दिल्ली पुलिस क्यों कह रहे हैं। वे एचएम अमित शाह के अधीन हैं और उनकी सहमति के बिना कुछ भी नहीं होता है। जो लोग उनकी (भाजपा) 'भजन मंडली' में शामिल होने से इनकार करते हैं, वे उनके खिलाफ ऐसा करते हैं। वे इन सब से क्या दिखाना चाहते हैं। यह घटना इतिहास में लिखी जाएगी और सरकार के इस कदम की उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी।'
चरणचुंबकों की फ़ौज के बावजूद कुछ पत्रकार अभी भी सच बोलने की हिमाक़त करते हैं
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) October 3, 2023
पर सच बोलने वालों से, सवाल पूछने वालों से तो प्रधानमंत्री को ख़ास दिक़्क़त है
तो उनको रेड किया जाएगा, डराया धमकाया जाएगा - पर साहेब भूल जाते हैं चरणचुंबकों की रीढ़ की हड्डी ग़ायब है, सबकी नहीं!
मोदी जब-जब डरता है
— Dr. Ragini Nayak (@NayakRagini) October 3, 2023
पुलिस को आगे करता है
देश देख रहा है अभिसार जी कि सवाल पूछने और सच बोलने की आपको क्या कीमत चुकानी पड़ रही है !
इस तानाशाही की उलटी गिनती शुरु हो चुकी है 👊🏻 https://t.co/8E6iV2PPoa
मोदी सरकार की सचाई दिखाने वाले पत्रकारों को डराना चाहती है मोदी सरकार |
— Lalu Yadav (@LaluYadavIND) October 3, 2023
अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, संजय राजौरा, सुहैल हाशमी के घर पर दिल्ली पुलिस की रेड#NewsClick से जुड़े हुए लोगों के घरों पर रेड जारी
फोन व लैपटॉप सीज किए गए
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को कुचलना कायरता पूर्ण… pic.twitter.com/M8vGuQQVqc
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने न्यूज़क्लिक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी फंडिंग की जांच की थी। केंद्रीय एजेंसी ने न्यूज पोर्टल से जुड़ी कुछ संपत्तियाँ भी जब्त की थीं।
न्यूज़ पोर्टल और इसकी फंडिंग के स्रोत 2021 में जांच के दायरे में आए, जब दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने इसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। प्रवर्तन निदेशालय का मामला इसी मामले पर आधारित था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यूज़क्लिक प्रमोटरों को गिरफ्तारी से सुरक्षा दी, और मामला अब अदालत में है।
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