प्रधानमंत्री मोदी आज 16 जनवरी को दिल्ली में रोड शो करने जा रहे हैं जो करीब बाद दोपहर 3 बजे शुरू होगा और शाम को 5 बजे बीजेपी दफ्तर पर खत्म होगा। दिल्ली में चुनाव निकट भविष्य में नहीं है, लेकिन उसके बावजूद रोड शो के इवेंट से बीजेपी और मोदी क्या बताना चाहते हैं। इस पर इस रिपोर्ट में आगे चर्चा करेंगे। पहले ये जानते हैं कि डेढ़ महीने में पीएम मोदी ने कब-कब रोड शो किए।
पीएम मोदी के पिछले तमाम रोड शो को भुलाते हुए दिसंबर से जनवरी तक के रोड शो पर बात करेंगे। 1 दिसंबर 2022 को अहमदाबाद में 54 किलोमीटर लंबा रोड शो पीएम मोदी का हुआ, जिसने दूसरे चरण के चुनाव के दौरान कई विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया। इस रोड शो के दौरान मोदी के काफिले ने एक एम्बुलेंस को रास्ता दिया, जिसकी बड़ी चर्चा रही। फिर जब गुजरात के नतीजे आ गए और बीजेपी को विधानसभा में प्रचंड बहुमत मिला तो पीएम मोदी ने जीत की खुशी में 12 दिसंबर को रोड शो किया। पीएम मोदी के इन दोनों रोड शो को जबरदस्त टीवी कवरेज मिला।
यहां यह बताना जरूरी है कि पीएम मोदी के दोनों रोड शो के दौरान राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा जारी थी, लेकिन उसे किसी भी तरह का मीडिया कवरेज उस दौरान नहीं मिला।
दिसंबर में पीएम मोदी ने गुजरात को बहुत समय दिया, उसके बाद जनवरी आ गया। पीएम मोदी फिर से चुनावी मोड में नजर आए। कर्नाटक विधानसभा चुनाव अगले चार महीनों में होने वाले हैं। मोदी का कर्नाटक दौरा भी शुरू हो चुका है। 12 जनवरी को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय यूथ फेस्टिवल के मौके पर कर्नाटक के हुबली में रोड शो करते नजर आए। यहां भी एक लड़का उनकी सुरक्षा घेरे को भेदता हुआ, मोदी के उस वाहन के पास आ गया, जिसके फुटबोर्ड पर मोदी खड़े थे। लड़के से माला लेकर मोदी ने रख ली। लड़के को सुरक्षाकर्मी पकड़ कर ले गए। उसे कुछ नहीं कहा गया। लेकिन रोड शो के साथ यह खबर राष्ट्रीय खबर बन गई कि मोदी की सुरक्षा में सेंध। तो रोड शो का यह तीसरा इवेंट था। लेकिन अभी कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान में पीएम के न जाने कितने रोड शो होंगे।
दिल्ली में रोड शो की जरूरत क्योंः प्रधानमंत्री का डेढ़ महीने के अंदर चौथा रोड शो आज 16 जनवरी को दिल्ली में होने जा रहा है। बीजेपी में बहुत उत्साह है लेकिन दिल्ली पुलिस परेशान है। नई दिल्ली में कई प्रमुख मार्गों को बंद करना पड़ रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर दिल्ली में मोदी को रोड शो की जरूरत क्यों पड़ रही है, जबकि दिल्ली में निकट भविष्य में कोई चुनाव नहीं होने वाला है।
इसका सीधा सा जवाब है कि पीएम मोदी जनता का मनोविज्ञान जानते हैं। दिल्ली टीवी चैनलों और यूट्यबर पत्रकारिता का मक्का है। मोदी का रोड शो जब दिल्ली से बाहर होता है तो बहुत सारे टीवी चैनल वहां अपनी टीम नहीं भेज पाते। इसलिए दिल्ली का रोड शो मीडिया के मद्देनजर हो रहा है। पीएम मोदी की आलोचना करने वाले यूट्यूबर भी इस इवेंट को देखने, समझने और बोलने के लिए चर्चा में लाएंगे। वर्ना बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इससे पहले भी होती रही है, उस समय कोई रोड शो नहीं हुआ। यहां तक 2019 में दोबारा जीतने पर भी रोड शो नहीं हुआ था।
कांग्रेस ने भी बताई वजह
कांग्रेस पार्टी ने भी मोदी के दिल्ली रोड शो की वजह बताई है। हालांकि कांग्रेस उस वजह को पहले भी बता चुकी है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से आतंकित बीजेपी पीएम मोदी का इस्तेमाल बार-बार रोड शो में कर रही है। राहुल के पैदल मार्च को पीएम मोदी की तरह टीवी चैनलों ने कवर नहीं किया, लेकिन इसके बावजूद राहुल इस यात्रा के जरिए जनमानस पर छा गए हैं। राहुल की छवि इस यात्रा ने बदल दी है। तमाम सर्वे बता रहे हैं कि राहुल की लोकप्रियता बढ़ी है। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी का बार-बार रोड शो करना राहुल के पैदल मार्च का जवाब है। लेकिन राहुल के लिए मोदी जैसे संसाधन उपलब्ध नहीं हैं।
रोड शो का कितना प्रभाव
यह साफ नहीं है कि पीएम मोदी के रोड शो से पार्टी को कितना फायदा होता है या मोदी की छवि का इससे कितना निर्माण होता है। क्योंकि रोड शो के दौरान सड़क के दोनों तरफ भीड़ नजर आती है लेकिन उनमें ज्यादातर बीजेपी कार्यकर्ता या उनके द्वारा लाए गए लोग होते हैं। किसी सर्वे एजेंसी ने आज तक यह नहीं बताया कि रोड शो से पहले और रोड शो के बाद जनता पर उसका क्या प्रभाव पड़ा। मसलन दिल्ली में रोड शो से पहले कोई भी सर्वे एजेंसी इसका पता लगा सकती थी और बाद में भी उन्हीं लोगों या अन्य लोगों से बात करके अपना नतीजा दे सकती थी। दिल्ली में ट्रैफिक की समस्या और बड़ी आबादी के मद्देनजर रोड शो कितने जरूरी हैं, इसका भी पता सर्वे एजेंसियां लगा सकती है। हो सकता है कोई यूट्यूबर ऐसी किसी रिपोर्ट पर मेहनत करे।
पदयात्रा के मुकाबले रोड शो थोड़ा परेशानी पैदा करने वाला तो है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सड़क के किनारे से चल रही है। दिल्ली में राहुल की यात्रा फरीदाबाद-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरी लेकिन दोनों राज्यों की पुलिस को कई घंटे तक ट्रैफिक नहीं रोकना पड़ा। फरीदाबाद में तो यात्रा सड़क किनारे चलती रही। जबकि फरीदाबाद एक बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया है। यात्रा ने जब दिल्ली में प्रवेश किया तो आश्रम चौक पर भी ट्रैफिक को दिक्कत नहीं आई।
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