अमेरिका में जाकर 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा लगाने वाले भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडन की जीत पर बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि भारत-अमेरिका संबंध नई ऊँचाइयों पर पहुँचेंगे। प्रधानमंत्री ने चुनावी जीत पर उप राष्ट्रपति की उम्मीदवार कमला हैरिस को भी बधाई दी है। कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं।
बाइडेन-हैरिस की जीत की घोषणा के बाद दुनिया भर के दूसरे नेताओं की तरह प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनको बधाई देने के लिए ट्वीट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'जो बाइडन, आपकी शानदार जीत के लिए शुभकामनाएँ! उपराष्ट्रपति के तौर पर भारत-अमेरिकी संबंधों में आपका योगदान सराहनीय था। मुझे साथ काम कर भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने की उम्मीद है।'
Congratulations @JoeBiden on your spectacular victory! As the VP, your contribution to strengthening Indo-US relations was critical and invaluable. I look forward to working closely together once again to take India-US relations to greater heights. pic.twitter.com/yAOCEcs9bN
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2020
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कमला हैरिस को भी बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी सफलता को पथ-प्रदर्शक की संज्ञा दी और कहा कि यह सभी भारतीय-अमेरिकियों के लिए भी बहुत गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आपके समर्थन और नेतृत्व से जीवंत भारत-अमेरिका संबंध और भी मज़बूत हो जाएँगे।
Heartiest congratulations @KamalaHarris! Your success is pathbreaking, and a matter of immense pride not just for your chittis, but also for all Indian-Americans. I am confident that the vibrant India-US ties will get even stronger with your support and leadership.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 7, 2020
प्रधानमंत्री मोदी के ये ट्वीट भारत और अमेरिका के संबंधों को लेकर खास मायने रखते हैं। भारत में इस पर काफ़ी गंभीर चर्चा हो रही है कि नये अमेरिकी प्रशासन से भारत के संबंध कैसे होंगे। उपराष्ट्रपति बनने जा रहीं कमला हैरिस के भारतीय मूल के होने के बाद इस पर और ज़्यादा चर्चा हो रही है। इसी संदर्भ में ट्रंप प्रशासन से भारत के संबंधों की भी तुलना की जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ट्रंप को अपना 'घनिष्ठ दोस्त' बताते रहे हैं और उन्होंने अमेरिका में ट्रंप के लिए 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम भी किया था। तब उन्होंने ट्रंप के समर्थन में 'अबकी बार मोदी सरकार' का नारा दिया था। माना जा रहा था प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम से ट्रंप को भारतीय-अमेरिकियों के वोट मिलेंगे। हालाँकि ट्रंप और मोदी के संबंधों को लेकर तब संदेह जताए गए थे जब ट्रंप ने कोरोना संक्रमण के दौरान मलेरिया की दवा क्लोरोक्वीन अमेरिका को नहीं देने पर भारत को 'धमकी' तक दे दी थी। बाद में मोदी सरकार ने नियमों में बदलाव कर अमेरिका को दवा आपूर्ति की थी। तब कोरोना से जुड़ी दवाओं और मेडिकल उपकरणों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ था।
सवाल है कि मोदी और बाइडन-हैरिस के बीच कैसे संबंध रहे हैं। अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन और उप राष्ट्रपति बनने जा रहीं भारतीय मूल की कमला हैरिस मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों के प्रखर आलोचक रहे हैं।
सबसे बड़ा मामला जम्मू-कश्मीर का है। अनुच्छेद 370 में संशोधन कर और अनुच्छेद 35 ए को ख़त्म कर नरेंद्र मोदी सरकार ने जिस तरह इस राज्य का विशेष दर्जा ख़त्म किया और उसके बाद जिस तरह पूरे कश्मीर में लॉकडाउन लगाया, उसका विरोध भारत ही नहीं विदेशों में भी हुआ।
जो बाइडन के उम्मीदवार बनने के बाद पॉलिसी स्टेटमेंट जारी किया गया था। इसमें कश्मीर की स्थिति की चर्चा करते हुए कहा गया है, 'भारत सरकार को कश्मीर के लोगों के अधिकार को बहाल करने के लिए ज़रूरी कदम उठाना चाहिए। असहमति को दबाने, शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को रोकने और इंटरनेट को धीमा करने या उस पर प्रतिबंध लगाने से लोकतंत्र कमज़ोर होता है।’
कमला हैरिस ने कश्मीर में लॉकडाउन और उसके ज़रिए लोगों के 'मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन' का तीखा विरोध किया था। तब उप राष्ट्रपति पद के लिए उनके नाम की घोषणा नहीं हुई थी। तब उन्होंने कहा था,
“
हम कश्मीरियों को यह याद दिला दें कि वे दुनिया में अकेले नहीं हैं। हम स्थिति पर लगातार नज़र रखे हुए हैं। यदि ज़रूरत हुई तो हम हस्तक्षेप कर सकते हैं।
कमला हैरिस
कमला हैरिस का भारत से जुड़ाव
बता दें कि कमला हैरिस अमेरिका का उप राष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला बन जाएँगी। इसके अलावा अमेरिका के उप राष्ट्रपति पद पर पहुँचने वाली वह पहली भारतीय हैं। तमिल मूल की कमला की मां चेन्नई से थीं, जबकि उनके पिता जमैका के हैं। कमला के पिता अश्वेत थे, इस लिहाज से वह अमेरिका की पहली अश्वेत उप राष्ट्रपति भी होंगी।
जो बाइडन का एकजुटता का संदेश
जो बाइडन ने कहा है कि वह सबको एक साथ लेकर चलेंगे। भावी राष्ट्रपति के तौर पर चुने जाने के बाद अपने समर्थकों को संबोधित अपने पहले भाषण में उन्होंने अमेरिकियों को एकजुट करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराई। उन्होंने कहा है कि वह देश को बढ़ती महामारी, लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और गहरे राजनीतिक विभाजन से बचाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
बाइडन ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं एक ऐसा राष्ट्रपति बनने की प्रतिज्ञा करता हूँ, जो विभाजित नहीं करना चाहता है, बल्कि जोड़ना चाहता है। जो लाल और नीले राज्यों को नहीं देखता है, बल्कि एक संयुक्त राज्य को देखता है। और जो पूरे दिल से लोगों का विश्वास जीतने के लिए दिल से काम करेगा।'
रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार व मौजूदा राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को हराने वाले जो बाइडन ने कहा, 'इस देश की जनता ने जवाब दे दिया है। उन्होंने हमें एक साफ जीत दी है, एक संतोषजनक जीत दी है। हम साफ देख सकते हैं कि अमेरिका के लोगों में और दुनियाभर में किस तरह खुशी की लहर है।'
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