कोरोना वायरस के इलाज में जिस प्लाज्मा थेरेपी से अच्छे परिणाम की बात अरविंद केजरीवाल कहते हैं, उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह अभी प्रायोगिक चरण में है और इलाज के लिए कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। यानी फ़िलहाल प्लाज्मा थेरेपी से जो इलाज किया जा रहा है वह सिर्फ़ यह देखने के लिए है कि इसका परिणाम कैसा होता है। स्वास्थ्य मंत्रालय की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कई राज्य प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने के लिए मंजूरी माँग रहे हैं। कोरोना वायरस का अभी तक इलाज नहीं ढूँढा जा सका है इसलिए प्लाज्मा थेरेपी पर इतना ज़ोर दिया जा रहा है।
कोरोना- प्लाज्मा थेरेपी से इलाज करने देने के लिए कोई प्रमाण नहीं: स्वास्थ्य मंत्रालय
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- 28 Apr, 2020
कोरोना वायरस के इलाज में जिस प्लाज्मा थेरेपी से अच्छे परिणाम की बात अरविंद केजरीवाल कहते रहे हैं, उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह अभी प्रायोगिक चरण में है और इलाज के लिए कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है।

प्लाज्मा थेरेपी के तहत किसी कोरोना मरीज़ के ठीक होने के बाद उसके शरीर में बने इम्यून सिस्टम यानी बीमारियों से लड़ने की क्षमता को कोरोना वायरस से संक्रमित दूसरे मरीज़ के शरीर में डाला जाता है। दूसरे व्यक्ति में जिस प्रक्रिया से रोग प्रतिरोधी क्षमता को दिया जाता है वही प्लाज्मा थेरेपी है।