'महंगाई डायन खाए जात है...'। 2010 में आई 'पीपली लाइव' फ़िल्म के गाने के इस बोल का तब ख़ूब इस्तेमाल किया जाता था जब यूपीए सरकार में पेट्रोल की क़ीमतें क़रीब 71 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गई थीं। अब सात साल बाद ये क़ीमतें 100 रुपये से ज़्यादा हो गई हैं, लेकिन न तो उस तरह का कोई नारा है और न ही नारा लगाने वाले। सात साल पहले बीजेपी नेता स्मृति ईरानी से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक क़ीमतों पर बात करते थे, पूरी बीजेपी प्रदर्शन करती थी, गैस की क़ीमतें बढ़ने पर सिलेंडर लेकर प्रदर्शन की तसवीरें होती थीं। अब वैसा कुछ नहीं है। सवाल है कि वे अब 100 रुपये से ज़्यादा पेट्रोल होने पर क्या वैसी हायतौब मचा रहे हैं? आख़िर वे अब क्या कह रहे हैं?
पेट्रोल 71 रुपये था तो शोर मचाती थी बीजेपी, 100 पार पर चुप्पी!
- देश
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- 19 Feb, 2021
देश में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ज़्यादा हो गया है। पहले जब 71 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल था तो बीजेपी शोर मचाती थी, क्या वह वैसी हायतौब मचा रही हैं?

ये सवाल सोशल मीडिया पर उठाए जा रहे हैं। सवाल इसलिए कि 100 रुपये से ज़्यादा प्रति लीटर पेट्रोल होने पर भी शोर क्यों नहीं है। इसमें पूछा जा रहा है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में डीजल-पेट्रोल और गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने पर बीजेपी ने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया था और स्मृति ईरानी गैस सिलेंडर लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरी थीं।