पेट्रोल और डीजल के दाम आज पूरे देश में रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गए। पेट्रोल में 25 पैसे और डीजल में 30 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत 101.64 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 101.89 रुपये और डीजल की क़ीमत 89.87 रुपये से बढ़कर 90.17 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
तेल की क़ीमतों में बढ़ोतरी का कारण अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमतों में उछाल है। वैश्विक स्तर पर तेल की क़ीमतें तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई हैं।
दाम बढ़ने के बाद सभी चार महानगरों में सबसे ज़्यादा महंगे डीजल-पेट्रोल मुंबई में है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक़, मुंबई में पेट्रोल का दाम 107.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 97.84 रुपये प्रति लीटर है।
चेन्नई में पेट्रोल 99.89 और डीजल 94.74, कोलकाता में पेट्रोल 102.47 और डीजल 93.27 रुपये प्रति लीटर है। तीन सप्ताह के लंबे अंतराल के बाद पेट्रोल की क़ीमतों में यह तीसरी और डीजल में छठी वृद्धि है।
बता दें कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसेी सरकारी तेल कंपनियाँ अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में कच्चे तेल की क़ीमतों व रुपये-डॉलर विनिमय दरों के आधार पर रोज़ दाम बढ़ाते-घटाते रहते हैं।
रसोई गैस
पिछले सात साल का लेखा लोखा बताता है कि 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस के सिलेंडर के दाम अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ी से बढ़े हैं। इसी साल मार्च में तत्कालीन तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि 'घरेलू गैस का खुदरा बिक्री मूल्य 1 मार्च 2014 को 410.5 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर था। मार्च 2021 में एक सिलेंडर की क़ीमत 819 रुपये हो गयी।'
बता दें कि मई 2020 में एलपीजी सब्सिडी को समाप्त करने के बाद से 'सब्सिडी' वाले घरेलू सिलेंडर की यह उच्चतम क़ीमत है। मौजूदा समय में सब्सिडी नाम मात्र या नहीं के बराबर दी जा रही है और इस तरह बढ़ी हुई क़ीमतों का बोझ सीधे आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
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