यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को लेकर समय-समय पर यह बहस चलती रहती है कि मोदी सरकार इसे कभी न कभी ज़रूर लेकर आएगी। लेकिन इसी के बीच एक नया मामला यूनिफ़ॉर्म डाइवोर्स लॉ का आया है। इसका मतलब है कि सभी धर्मों में तलाक़ का आधार समान यानी एक जैसा होना चाहिए।
तलाक़-गुजारा भत्ते के लिए बने समान क़ानून, कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
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- 17 Dec, 2020
याचिका में कहा गया है कि तलाक़ का आधार और गुजारा भत्ते को लेकर एक समान नियम बनाए जाने की ज़रूरत है।

बीजेपी के नेता अश्विनी उपाध्याय ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उपाध्याय का कहना है कि भारत संवैधानिक देश है और इसके तहत सभी लोग बराबर हैं। लेकिन अलग-अलग धर्मों में तलाक़ का आधार अलग-अलग है और महिलाओं के गुजारा भत्ते को लेकर भी नियम एक समान नहीं हैं।