राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 73वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कश्मीर पर सरकारी फ़ैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राज्य को बाँट कर दो केंद्र शासित क्षेत्र बना देने से आम जनता को काफ़ी फ़ायदा होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि इससे कश्मीर के लोगों को वे सभी सुविधाएँ मिल सकेंगी, वे अधिकार मिल सकेंगे जो शेष भारत के लोगों को मिले हुए हैं। सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार और दूसरे तमाम अधिकार उन्हें मिल सकेंगे, जिनसे वे अब तक वंचित हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि महत्वपूर्ण संस्थानों और नीति निर्धारकों के लिए यह ज़रूरी है कि वे जनता के संकेत को समझें और उनके प्रति संवेदनशील बनें। उन्होंने हाल में ख़त्म हुए संसद सत्र का कामकाज पर भी खुशी जताई।
कोविंद ने उम्मीद जताई कि भारत कभी भी समाज के सबसे कमज़ोर व्यक्ति की आवाज़ को सुनने और उसे देखने की क्षमता नहीं खोएगा। उन्होंने कहा कि सहयोग की भावना को लेकर देश हमेशा ही चलता आया है और कूटनीति के मामले में भी इसे अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि हम अपने बच्चों को सबसे बड़ा तोहफा यह दे सकते हैं कि उत्सुकता की संस्कृति को हम बढ़ावा दें और इसके लिए सबसे सही जगह क्लास रूम है।
राष्ट्रपति ने सरकार की नीतियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि सबके लिए टॉयलेट और घर-घर में पानी का इंतजाम ज़रूरी है कि क्योंकि इससे महिलाओं का आत्म सम्मान बढ़ता है, उनकी मर्यादा की रक्षा होती है और उनकी ताक़त बढ़ती है।
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