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संसद का शीतकालीन सत्र 4 से 22 दिसंबर तक, जानें क्या होंगे अहम मुद्दे

संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होगा। यह 22 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के शुरू होने से पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि सत्र में 19 दिनों में 15 बैठकें होंगी।

3 दिसंबर को पांच राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिज़ोरम और तेलंगाना- के विधानसभा चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएंगे। विधानसभा चुनाव के नतीजों का उस सत्र पर बड़ा असर पड़ेगा जिसके दौरान सरकार प्रमुख विधेयकों को पारित करने की इच्छुक है।

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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ 'कैश-फॉर-क्वेरी' आरोपों पर आचार समिति की रिपोर्ट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश की जाएगी। लोकसभा की समिति ने महुआ के निष्कासन की सिफारिश की थी। लोकसभा का इथिक्स पैनल महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा था।

निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली और अन्य लाभ लिया। हालाँकि महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। उन्होंने दावा किया है कि सवाल टाइप करने के लिए उन्होंने ऐसा किया था। एथिक्स कमेटी ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया था। 

संसद में लंबित एक अन्य प्रमुख विधेयक मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित है। मानसून सत्र में पेश किए गए इस प्रस्ताव को सरकार ने विपक्ष और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों के विरोध के बीच संसद के विशेष सत्र में पारित करने पर जोर नहीं दिया था।
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आने वाले सत्र के दौरान आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले विधेयकों पर विचार किया जा सकता है। गृह संबंधी स्थायी समिति ने हाल ही में तीन रिपोर्टों को अपनाया है।

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क़मर वहीद नक़वी
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