संसद। देश की सबसे ज़्यादा सुरक्षित जगहों में से एक। देश भर के जनप्रतिनिधियों की बैठने की जगह। कम से कम चार स्तर की सुरक्षा। कई मेटल डिटेक्टर्स से गुजरने की ज़रूरत। एक सिक्का तक ले जाने की मनाही। और दो युवा संसद में रंगीन धुआँ फेंकने वाले डिब्बे (बम) लेकर पहुँच गए। अब कहा जा रहा है कि इन दो युवाओं का साथ चार और लोग दे रहे थे। यानी कुल छह लोग थे और इनमें से पाँच पकड़े जा चुके हैं। ललित झा नाम का आरोपी अभी भी गिरफ़्त से दूर है। तो क्या इन छह नौसिखियों ने देश की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक संसद की सुरक्षा को भेद दिया? क्या संसद की सुरक्षा इतनी कमजोर है या फिर उस सुरक्षा को भेदने वाली कोई ताक़त मज़बूत थी? इसके पीछे क्या ये छह लोग ही हैं या फिर कोई ताक़तवर हैंडलर भी इनके पीछे है?
संसद सुरक्षा भेदने में 'नौसिखिए' ही, या कोई हैंडलर भी?
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- 14 Dec, 2023
संसद की सुरक्षा भेदने में छह लोगों के नाम सामने आये हैं। इनमें से पाँच गिरफ़्तार हो चुके हैं और एक आरोपी ललित झा गिरफ़्त से दूर है। भारत की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक की सुरक्षा को क्या नौसिखिए भेद सकते हैं?

इस सवाल का जवाब जानने से पहले यह जान लें कि संसद में बुधवार को क्या हुआ और संसद की सुरक्षा कैसी है। संसद में बुधवार को तब अफरा-तफरी का माहौल बन गया जब दो लोग सुरक्षा को भेदते हुए लोकसभा में घुस गए और आँसू गैस जैसी कोई चीज छोड़ी। इससे धुआँ निकल रहा था। टेलीविज़न फ़ुटेज में वे एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूदते हुए और सदन की वेल की ओर जाते हुए दिखे थे। दोनों को आख़िरकार पकड़ लिया गया। उनके पास से विजिटर पास बरामद हुआ जिसको बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय द्वारा जारी किया गया था। बाद में पता चला कि संसद परिसर में दो लोग और पकड़े गए हैं। फिर एक और की गुरुग्राम से गिरफ़्तारी हुई। ललित झा नाम का एक आरोपी फरार है।