अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रंगारंग कार्यक्रम हाऊडी मोडी के आयोजक जितनी शिद्दत से इसे कामयाब बनाने में जुटे हैं, पाकिस्तान उससे अधिक कोशिश उस कार्यक्रम को नाकाम बनाने के लिए कर रहा है। जो लोग मोदी के इस कार्यक्रम को नाकाम करने की कोशिश में लगे हैं, वे सीधे तौर पर पाकिस्तान सरकार के अधिकारी नहीं हैं। पर वे पाकिस्तानी मूल के लोग हैं और उनमें से ज़्यादा पाकिस्तान के सत्तारूढ़ दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ से जुड़े हुए हैं।
हाऊडी मोडी के ख़िलाफ़ कश्मीरी और खालिस्तानी तत्व भी सक्रिय हैं। अलग-अलग गुटों और सगंठनों में बँटे ये लोग मोदी के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करेंगे, लेकिन पाकिस्तान से जुड़े लोग पूरे मामले का संयोजन कर रहे हैं और सबको एक मंच पर ला रहे हैं। मोदी के ख़िलाफ़ तीन बड़े विरोध प्रदर्शन तय हैं, 'अनवलेकम मोदी', 'कश्मीर रैली' और 'आईएचएफ़ प्रोटेस्ट'। इसके अलावा खालिस्तान समर्थक गुटों ने 'गो बैक मोदी' कार्यक्रम बनाया है।
इंडिया टुडे ने ख़बर दी है कि पाकिस्तानी सत्तारूढ़ दल के ये लोग हाऊडी मोडी कार्यक्रम तक लोगों को बसों में भर कर मुफ़्त ले जाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इनमें से एक फ़ैयाज़ ख़लील ने फ़ेसबुक पर एक
मैसेज डाल कर लोगों को कार्यक्रम में हुए बदलाव की जानकारी दी है। खलील ने खुद को फ़ेसबुक पर 'पीटीआई युवा विंग का संस्थापक सदस्य' बताया है।
इसी तरह, खालिस्तानियों के कार्यक्रम गो बैक मोदी को साथ दे रही हैं ग़ज़ाला हबीब, जो फ्रेन्ड्स ऑफ़ कश्मीर की अध्यक्ष हैं। वह अमेरिकी शहर जॉर्जटाउन में रहती हैं और एसोशिएसन ऑफ़ पाकिस्तानी लॉयर्स से भी जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने फ़ेसबुक पोस्ट में अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत ऐजाज अहमद चौधरी के साथ मुलाक़ात की बात कही है। वह एक पोस्ट में बताती हैं कि लोग किस तरह मेट्रो से विरोध स्थल पर पहुँचें। उन्होंने बाद में कहा कि सबको बस से मुफ़्त में एनआरजी स्टेडियम तक ले जाया जाएगा।
हाऊडी मोडी का विरोध करे वालों ने दसियों फ़ेसबुक पेज बना लिए हैं और ट्विटर अकाउंट खोल लिए हैं। वे सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर विरोध रैली का आयोजन कर रहे हैं और लोगों को एकत्रित कर रहे हैं। इनमें एक फ़ेसबुक पेज है,
'ह्यूस्टन मोदी प्रोटेस्ट'। इसी तरह पाकिस्तानी मूल के लोगों के टेलीविज़न चैनल
टीवी वन यूएसए ने विरोध प्रदर्शन के लाइव प्रसारण का इंतजाम किया है।
मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन इंटरनेशल ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन ने एनआरजी स्टेडियम के बाहर बड़े प्रदर्शन का आयोजन किया है। समझा जाता है कि इसके पीछे भी पाकिस्तानी तत्व हैं और वे इस मंच का इस्तेमाल भारत-विरोधी प्रचार में कर रहे हैं। इसने
आईएचएफ़ मोदी प्रोटेस्ट कार्यक्रम रखा है और इसी नाम से इसका फ़ेसबुक पेज चल रहा है।
मोदी के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों को सांप्रदायिक रंग भी दिया जा रहा है। डेकन हेरल्ड ने ख़बर दी है कि प्रदर्शन के लिए मसजिदों का इस्तेमाल किया जा रहा है। प्रदर्शन के आयोजक लोगों को मसजिदों पर आने और वहीं से बसों में भर कर एनआरजी स्टेडियम ले जाने की बात कह रहे हैं। कुछ स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि यह पहली बार हो रहा है कि मसजिद जैसे किसी धार्मिक स्थल का प्रयोग रैली के लिए किया जा रहा है।
कश्मीर को मिला विशेष दर्ज ख़त्म किए जाने के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसलामाबाद ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को उठाया और भारत को घेरने की कोशिश की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और यूएनएचसीआर में उसके प्रयासों को ज़ोरदार धक्का लगा। यूरोपीय संघ की बैठक में ज़्यादातर देशों ने पाकिस्तान की ही आलोचना की और कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने को भारत का अंदरूनी मामला बताया। हाऊडी मोडी कार्यक्रम को नाकाम कर वह भारत को नीचा दिखाना चाहता है। पाकिस्तान सरकार की कई एजेन्सियाँ इसमें लगी हुई हैं। पाकिस्तान की कोशिश कितनी कामयाब होती है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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