पी. चिदंबरम ने शनिवार को चुनावी बॉन्ड को 'वैध रिश्वतखोरी' क़रार दिया है। उन्होंने दावा किया है कि जैसे ही इसकी नई किश्त 4 अक्टूबर को खुलेगी, यह भारतीय जनता पार्टी के लिए सुनहरी फसल होगी। जिस चुनावी बॉन्ड पर कांग्रेस नेता चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं उस पर लगातार विवाद होते रहे हैं। बिना नाम के मिलने वाले चुनावी बॉन्ड को अपारदर्शी बताया जाता रहा है जबकि इसको पारदर्शिता के नाम पर ही शुरू किया गया था। इसके तहत मिलने वाले चुनावी चंदे का अधिकतर हिस्सा बीजेपी को ही मिलता रहा है।