ऑक्सीजन बिना लोग मर रहे हैं और पिछले साल घोषित ऑक्सीजन प्लांट अभी तक नहीं लग पाए हैं। कोरोना के हालात और ऑक्सीजन की कमी को लेकर जिस तरह अब एक के बाद एक बैठकें हो रही हैं, फ़ैसले लिए जा रहे हैं यदि उस तरह की जल्दबाज़ी नहीं भी की गई होती और सामान्य प्रक्रिया के तहत भी काम हुआ होता तो शायद ये हालात नहीं बनते।
लोग मर रहे हैं, पिछले साल घोषित ऑक्सीजन प्लांट नहीं लग पाए
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- 20 Apr, 2021
सरकार ने देश के 162 ज़िला अस्पतालों में ऑक्सीज़न प्लांट लगाने की घोषणा की लेकिन अभी भी सिर्फ़ 33 प्लांट ही लगाए जा सके हैं। यह बात ख़ुद सरकार ही मान रही है।

जल्दबाज़ी में ऐसे फ़ैसले पिछले साल भी लिए गए थे जब कोरोना फैलना शुरू ही हुआ था। कोरोना में गंभीर मरीज़ों को दिक्कतें ऑक्सीजन की आ रही थीं, यह स्वास्थ्य महकमा जानता था और सरकारी तंत्र भी। ऑक्सीजन की कमी का शायद अंदेशा भी रहा होगा इसलिए ऑक्सीजन प्लांट का विचार आया। तो सरकार ने देश के 162 ज़िला अस्पतालों में ऑक्सीज़न प्लांट लगाने की घोषणा की। लेकिन जान बचाने वाली इतनी ज़रूरी चीज के लिए भी सरकारी प्रक्रिया कितनी धीमी है, इसका अंदाज़ा इस तथ्य से लगाइए। 30 जनवरी को देश में संक्रमण के मामले आने के बाद आठ महीने में यानी अक्टूबर महीने में टेंडर निकाला गया और अभी भी सिर्फ़ 33 प्लांट ही लगाए जा सके हैं। यह बात ख़ुद सरकार ही मान रही है। स्वास्थ्य विभाग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।