एएमयू के अल्पसंख्यक संस्थान वाले फ़ैसले पर कई विपक्षी सांसदों ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है और इसे केंद्र के लिए झटका क़रार दिया है। कांग्रेस सांसद दानिश अली ने कहा है कि यह बीजेपी के लिए सबक होना चाहिए कि वह अल्पसंख्यकों के संस्थानों को न छीने। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है यह भारत में मुस्लिमों के लिए ख़ास दिन है। बीजेपी ने इस फ़ैसले के विपरीत तर्क रखे हैं।
'एएमयू फ़ैसले से केंद्र को झटका, सरकार अल्पसंख्यकों के संस्थान छीनने से बचे'
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- 8 Nov, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने से इनकार करने के अपने पहले के आदेश को पलट दिया है और कहा है कि इस पर नई पीठ फैसला करेगी। फिलहाल इसका अल्पसंख्यक दर्जा बहाल रहेगा। जानिए, इस पर कैसी प्रतिक्रियाएँ आईं।

लोगों ने इस पर क्या प्रतिक्रियाएँ दी हैं, यह जानने से पहले यह जान लें कि आख़िर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी यानी एएमयू को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने क्या फ़ैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान पीठ ने एस. अज़ीज़ बाशा बनाम भारत संघ मामले में 1967 में दिए गए अपने फ़ैसले को पलट दिया। उस फ़ैसले में कहा गया था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। हालाँकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान है या नहीं, इस पर अंतिम निर्णय एक अलग पीठ को देना था, लेकिन बहुमत के फ़ैसले ने यह निर्धारित करने के लिए एक परीक्षण निर्धारित किया कि क्या कोई शैक्षणिक संस्थान संविधान के अनुच्छेद 30(1) के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त करने का दावा कर सकता है।