मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से कहा कि 'इंडिया' के प्रतिनिधिमंडल की मांग को उन्होंने राष्ट्रपति को बताया। उन्होंने कहा है कि उनकी मुख्य मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करें, राज्य में शांति बहाल हो और दो मणिपुरी महिलाओं को राज्यसभा के लिए नामित किया जाए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के बाद खड़गे ने कहा, "इंडिया गठबंधन के 31 सदस्यों ने राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात की और मणिपुर का दौरा करने वाले 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी। हमने राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा। हमने राष्ट्रपति को विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, पुनर्वास और मणिपुर में अन्य स्थितियों के बारे में जानकारी दी।"
Memorandum submitted to the Hon'ble President of India on the ongoing grave scenario in Manipur.
— Congress (@INCIndia) August 2, 2023
INDIA leaders seek the President's intervention in order to restore normalcy in the BJP-ruled state. pic.twitter.com/INKHYJ5hug
राष्ट्रपति को सौंपे गये ज्ञापन में ये हैं प्रमुख मांगें
- पीएम मोदी मणिपुर का दौरा करें
- राज्य में शांति बहाली के लिए कदम उठाएँ
- दो मणिपुरी महिलाओं को राज्यसभा के लिए नामांकित करें
इसके अलावा विपक्षी प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के साथ मुलाक़ात में हरियाणा के नूंह में हो रही हिंसा का मुद्दा भी उठाया है।
खड़गे ने पत्रकारों से कहा कि 'I.N.D.I.A. गठबंधन के डेलिगेशन ने मणिपुर में जो देखा, उसे राष्ट्रपति महोदया के सामने रखा। हमने उन्हें बताया कि राहत शिविरों में लोगों को समय पर राशन और दवा भी नहीं मिल पा रही है। मणिपुर को लेकर हमने राष्ट्रपति महोदया को एक मेमोरेंडम भी सौंपा है। उन्होंने हमें मेमोरेंडम के बारे में सोचने का आश्वासन दिया है।'
उन्होंने आगे कहा, 'हमारे साथियों ने बताया कि मणिपुर हिंसा में हजारों की संख्या में अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। मणिपुर में दो समुदायों के बीच जारी लड़ाई को शांत करने के लिए प्रधानमंत्री को वहां जाना चाहिए। पहले भी कई बार सदन में नियम 267 के तहत अनुमति दी गई है, लेकिन ये सरकार बात सुनने को तैयार ही नहीं है। हमने मणिपुर के साथ हरियाणा में जारी हिंसा की बात भी राष्ट्रपति महोदया के सामने रखी है।'
राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने कहा है कि हिंसा का असर तबाही लाने वाला रहा है। इसने कहा है कि 200 से ज़्यादा लोगों की जानें गईं, 500 से ज़्यादा लोग घायल हुए और 5000 से ज़्यादा घर जल गए। इसके साथ ही इसने कहा है कि क़रीब 60 हज़ार लोग बेघर हो गए हैं और वे बेहद बुरी स्थिति में राहत शिविरों में रह रहे हैं। ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि महिलाओं और बच्चों के लिए तो स्थिति और भी ख़राब है। सांसदों ने कहा है कि राहत शिविरों में पूरे भोजन और अन्य राहत सामग्री की उपलब्धता नहीं है और इस वजह से भी उनकी तकलीफें ज़्यादा हैं। उन्होंने कहा है कि तीन महीने से इंटरनेट बंद होने से समुदायों में अविश्वास की खाई और गहरी हुई है।
बता दें कि मणिपुर मुद्दे पर संसद का मानसून सत्र अब तक हंगामे की भेंट चढ़ गया है। विपक्षी दल संसद में सब मुद्दों को दरकिनार कर मणिपुर पर चर्चा और प्रधानमंत्री मोदी से इस पर बयान देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार कुछ और ही चाहती है। इसी वजह से संसद में लगातार हंगामा होता रहा है।
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