कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा कितनी कारगर है या इसका कैसा असर है, इस सवाल का शायद तब उत्तर मिल गया होगा जब लेडी श्रीराम कॉलेज की एक छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी ने आत्महत्या कर ली। ऐश्वर्या लैपटॉप नहीं ख़रीद पा रही थीं और ऑनलाइन पढ़ाई करने में सक्षम नहीं थीं। उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा था कि यदि वह शिक्षा जारी नहीं रख सकती तो जी नहीं सकती हैं।
ऐसी ऑनलाइन शिक्षा! छात्रों की पढ़ाई छूटने की नौबत आई
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- 29 Nov, 2020
कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा कितनी कारगर है या इसका कैसा असर है, इस सवाल का शायद तब उत्तर मिल गया होगा जब लेडी श्रीराम कॉलेज की एक छात्रा ऐश्वर्या रेड्डी ने आत्महत्या कर ली।

यदि इससे जवाब नहीं मिला हो तो शायद इस ताज़ा सर्वे में जवाब मिल जाए। सर्वे के अनुसार, सिर्फ़ 26 फ़ीसदी छात्राओं और 37 फ़ीसदी छात्रों की ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल और इंटरनेट तक पहुँच है। स्थिति तो इस कगार पर पहुँच गई है कि 37 फ़ीसदी छात्राओं को स्कूल छोड़ने की नौबत आ गई है। जिनकी इंटरनेट तक पहुँच है उनमें से भी कई इंटरनेट की स्पीड और ऑनलाइन परीक्षा के दौरान दूसरी तकनीकी गड़बड़ियों से इतने परेशान हैं कि शिक्षा उनके लिए भारी बोझ लगने लगी है।