भारत की कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख वीके पॉल ने गुरुवार को चुनाव आयोग को बताया है कि ताजा हालात में बड़ी चुनावी रैलियां और रोड शो करना ठीक नहीं होगा। उन्होंने आयोग से कहा है कि इस तरह के चुनावी कार्यक्रम नहीं किए जाने चाहिए। डॉक्टर पॉल नीति आयोग के सदस्य भी हैं।
बता दें कि कोरोना के मामले कुछ ही दिनों में बहुत तेज रफ्तार के साथ बढ़े हैं और बीते 24 घंटों में 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं।
कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच चुनाव आयोग को पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी कराने हैं। चुनाव आयोग अगले कुछ ही दिनों में इन राज्यों में चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है।
यह लगभग तय है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए आयोग कड़े दिशा-निर्देश जारी करेगा। पांच चुनावी राज्यों में उत्तर प्रदेश उत्तराखंड गोवा मणिपुर और पंजाब शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने कुछ दिन पहले प्रेस कांफ्रेंस करके कहा था कि सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सही वक्त पर चुनाव कराए जाने चाहिए। निश्चित रूप से जिस तरह कोरोनावायरस के मामले तेज रफ्तार के साथ बढ़ रहे हैं उसमें इन पांच राज्यों में चुनाव करा पाना चुनाव आयोग के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।
चुनाव आयोग विधानसभा चुनाव को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के भी संपर्क में बना हुआ है।
चुनावी कार्यक्रम रद्द
तेज रफ्तार से बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने आने वाले कुछ दिनों के चुनावी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। अखिलेश यादव को 9 जनवरी को अयोध्या में समाजवादी पार्टी की विजय रथ यात्रा लेकर पहुंचना था। इस कार्यक्रम के अलावा गोंडा और बस्ती में भी 7 और 8 जनवरी को उनकी चुनावी रैलियां थीं। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री ने इन सभी चुनावी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा था कि वह कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बड़ी राजनीतिक रैलियों का आयोजन नहीं करेगी। कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के अलावा बाकी चुनावी राज्यों में भी बड़ी रैलियां न करने की बात कही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुरुवार को नोएडा में आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करनी थी लेकिन वह नहीं आए।
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