गांवों में रोज़गार देने की सबसे बड़ी सरकारी योजना मनरेगा के खजाने में पैसा ख़त्म हो गया है। इस योजना का नेगेटिव नेट बैलेंस 8,686 करोड़ रुपये हो गया है और इससे 21 राज्य प्रभावित हुए हैं। इसका सीधा असर उन लाखों दिहाड़ी मजदूरों पर होगा, जिन्हें इस योजना के तहत मजदूरी मिलती है।
मनरेगा के खजाने में पैसा ख़त्म, मज़दूरों की दिहाड़ी पर संकट
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- 31 Nov, 2021
मनरेगा के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिया गया पैसा ख़त्म हो गया है और इसका सीधा असर दिहाड़ी मज़दूरों पर होगा।

निश्चित रूप से ऐसे वक़्त में जब ग़रीब लोगों पर लॉकडाउन की मार पड़ी है तो दिहाड़ी मज़दूरी करने वालों को अगर उनका दिन भर का पैसा भी नहीं मिला या देर से मिला तो उनके सामने मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो जाएगा।