ऐसे समय जब प्रधानमंत्री ने राष्ट्रवाद को चुनावी मुद्दा बना कर पूरे विपक्ष को रक्षात्मक मुद्रा में ला खड़ा किया है और वह पुलवामा आतंकवादी हमले और बालाकोट हमले पर सवाल करने वालों को राष्ट्रद्रोही क़रार दे रहे हैं, सीआरपीएफ़ के पास प्रशिक्षण की बुनियादी सुविधाएँ तक नही हैं। सीआरपीएफ़ के आईजी ने पुलवामा हमले के कुछ ही दिन पहले फ़ोर्स के मुख्यालय को चिट्ठी लिख कर इसकी जानकारी दी थी। पर नजीता सिफ़र रहा।