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लोकपाल ने दिया महुआ के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश: निशिकांत दुबे

महुआ मोइत्रा अब सीबीआई के निशाने पर होंगी। सवाल पूछने के लिए कथित तौर पर पैसे लेने के मामले में लोकपाल ने सीबीआई जाँच का आदेश दिया है। इस मामले में महुआ के ख़िलाफ़ शिकायत करने वाले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ही यह दावा किया है। महुआ मोइत्रा ने तंज कसते हुए लिखा है- 'लोकपाल अभी ज़िंदा है'।

बीजेपी सांसद ने पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया था कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। फिर उन्होंने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी। और अब उन्होंने लोकपाल से शिकायत की है। 

बीजेपी सांसद ने लोकपाल से यह शिकायत तब की है जब लोकसभा की इथिक्स कमेटी ने क़रीब एक हफ्ते पहले महुआ मोइत्रा से पूछताछ की थी। लेकिन इस पूछताछ में इथिक्स कमेटी पर ही अनइथिकल होने का आरोप लग गया था। 

दो नवंबर को हुए घटनाक्रम में लोकसभा की आचार समिति की बैठक में ही हंगामा हो गया था। आरोपों का जवाब देने के लिए आचार समिति यानी इथिक्स पैनल के सामने महुआ पेश तो हुई थीं, लेकिन कुछ देर बाद ही वह बैठक से तमतमाई हुई बाहर निकल गईं। महुआ और पैनल में शामिल विपक्षी दलों के सदस्यों ने व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने के आरोप लगाए थे। 

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संसद भवन से बाहर निकलते हुए महुआ ने आरोप लगाया था, 'यह किस तरह की बैठक थी? वे हर तरह के गंदे सवाल पूछ रहे हैं।' उन्होंने पत्रकारों के सामने कहा था, "वे कुछ भी पूछ रहे हैं। कोई भी बकवास कर रहे हैं। 'आपकी आँखों में आँसू हैं'। क्या मेरी आँखों में आँसू हैं, आपको आँसू दिख रहे हैं?"

समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया था कि महुआ से व्यक्तिगत और अनैतिक प्रश्न पूछे गए। जब एक पत्रकार ने पूछा कि वे बैठक से क्यों चले गए तो एक अन्य विपक्षी सांसद ने कहा 'बहुत ज्यादा हो गया था'।

कांग्रेस सांसद और पैनल के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी ने आरोप लगाया था कि विपक्षी सदस्यों को पैनल अध्यक्ष द्वारा मोइत्रा से पूछे गए सवाल अमर्यादित और अनैतिक लगे।

इन आरोपों पर आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने अपनी जिरह के दौरान सहयोग नहीं किया और सवालों का सामना करने से बचने के लिए बाहर चली गईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पैनल की कार्यप्रणाली और मेरे खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया।

लोकसभा का इथिक्स पैनल महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली और अन्य लाभ लिया। हालाँकि महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। एथिक्स कमेटी ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया। 

nishikant dubey says lokpal orders cbi probe into mahua moitra cash for query case - Satya Hindi

बता दें कि महुआ से जुड़े कैश-फॉर-क्वेरी के आरोप पिछले महीने तब सामने आए जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।

इसके बाद दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा देकर दावा किया था कि महुआ ने उन्हें संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से सवाल पोस्ट कर सकें। हीरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति को वह हलफनामा दिया। 

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इस बीच महुआ मोइत्रा ने मान लिया कि उन्होंने संसद लॉगइन और पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी को दिया था। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पैसे और गिफ्ट लेने के आरोपों से इनकार किया। उन्होंने इस सवाल का जवाब भी दिया कि दर्शन हीरानंदानी को संसद लॉगइन आईडी और पासवर्ड क्यों दिया था। उन्होंने कहा कि हीरानंदानी उनके दोस्त हैं और उन्होंने संसद में पूछे जाने वाले सवाल को उनके कार्यालय में किसी से टाइप कराने के लिए लॉगइन पासर्वड दिया था। 
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क़मर वहीद नक़वी
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