बीजेपी सांसद ने पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया था कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। फिर उन्होंने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी। और अब उन्होंने लोकपाल से शिकायत की है।
लोकपाल ने आज मेरे कम्प्लेन पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर CBI inquiry का आदेश दिया
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) November 8, 2023
बीजेपी सांसद ने लोकपाल से यह शिकायत तब की है जब लोकसभा की इथिक्स कमेटी ने क़रीब एक हफ्ते पहले महुआ मोइत्रा से पूछताछ की थी। लेकिन इस पूछताछ में इथिक्स कमेटी पर ही अनइथिकल होने का आरोप लग गया था।
दो नवंबर को हुए घटनाक्रम में लोकसभा की आचार समिति की बैठक में ही हंगामा हो गया था। आरोपों का जवाब देने के लिए आचार समिति यानी इथिक्स पैनल के सामने महुआ पेश तो हुई थीं, लेकिन कुछ देर बाद ही वह बैठक से तमतमाई हुई बाहर निकल गईं। महुआ और पैनल में शामिल विपक्षी दलों के सदस्यों ने व्यक्तिगत और अनैतिक सवाल पूछने के आरोप लगाए थे।
संसद भवन से बाहर निकलते हुए महुआ ने आरोप लगाया था, 'यह किस तरह की बैठक थी? वे हर तरह के गंदे सवाल पूछ रहे हैं।' उन्होंने पत्रकारों के सामने कहा था, "वे कुछ भी पूछ रहे हैं। कोई भी बकवास कर रहे हैं। 'आपकी आँखों में आँसू हैं'। क्या मेरी आँखों में आँसू हैं, आपको आँसू दिख रहे हैं?"
समिति में शामिल विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया था कि महुआ से व्यक्तिगत और अनैतिक प्रश्न पूछे गए। जब एक पत्रकार ने पूछा कि वे बैठक से क्यों चले गए तो एक अन्य विपक्षी सांसद ने कहा 'बहुत ज्यादा हो गया था'।
कांग्रेस सांसद और पैनल के सदस्य एन उत्तम कुमार रेड्डी ने आरोप लगाया था कि विपक्षी सदस्यों को पैनल अध्यक्ष द्वारा मोइत्रा से पूछे गए सवाल अमर्यादित और अनैतिक लगे।
लोकसभा का इथिक्स पैनल महुआ मोइत्रा के ख़िलाफ़ बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है। निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि महुआ ने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत ली और अन्य लाभ लिया। हालाँकि महुआ ने कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों का खंडन किया है, लेकिन उन्होंने व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी को अपना संसदीय लॉगइन आईडी पासवर्ड देने की बात स्वीकार की है। एथिक्स कमेटी ने दस्तावेजों और सबूतों के साथ तीन मंत्रालयों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर उन्हें तलब किया।
बता दें कि महुआ से जुड़े कैश-फॉर-क्वेरी के आरोप पिछले महीने तब सामने आए जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर दावा किया कि महुआ ने हीरानंदानी समूह के हितों की रक्षा के लिए रिश्वत ली। दुबे ने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह किया था कि वे लोकसभा के लिए मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी पते की जांच करें ताकि यह जांचा जा सके कि क्या उन तक किसी और की पहुंच थी।
इसके बाद दर्शन हीरानंदानी ने एक हलफनामा देकर दावा किया था कि महुआ ने उन्हें संसदीय लॉगइन आईडी और पासवर्ड दिया था ताकि वह उनकी ओर से सवाल पोस्ट कर सकें। हीरानंदानी ने लोकसभा की आचार समिति को वह हलफनामा दिया।
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