सोशल मीडिया पर अक्सर एक से ज़्यादा पत्नी रखने के लिए मुसलिमों को निशाना बनाया जाता रहा है, लेकिन क्या सिर्फ़ मुसलिम ही बहुविवाह करते हैं? उन समुदायों के बारे में क्या जिसमें ऐसी शादियाँ आम बात है?
बहुविवाह मुसलिमों में ही नहीं, हिंदुओं में भी; आदिवासियों में तो आम बात!
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- 28 Jul, 2022
एक से ज़्यादा पत्नी रखने या बहुविवाह के लिए कौन ज़िम्मेदार है? यदि आपने वाट्सऐप, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर एक समुदाय विशेष का नाम देखा है तो सरकारी आँकड़ा ही इसको ग़लत साबित करता है।

आप यह जानकर चौंक जाएँगे कि मुसलिमों से कहीं ज़्यादा बहुविवाह आदिवासी बहुल राज्यों में होता है। ऐसा तब है जब बहुविवाह या एक से अधिक पत्नी रखने की प्रथा केवल मुसलमानों के लिए भारत में क़ानूनन वैध है। लेकिन राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण यानी एनएफ़एचएस के आँकड़े बताते हैं कि बहुविवाह लगभग अन्य समुदायों में भी प्रचलित है। इसमें हिंदू भी शामिल हैं और दूसरे समुदाय भी। आम तौर पर आदिवासियों की प्रथाओं के मामलों में भी सरकार का दखल उतना नहीं होता है। माना जाता है कि आदिवासियों के अपने तौर-तरीक़े हैं और उनसे छेड़छाड़ ठीक नहीं।